प्रसाद वितरण के साथ उत्तरसू गांव में बगडवाल नृत्य संपन्न
विनोद सिंह चौहान
सबसे तेज प्रधान टाइम्स
रुद्रप्रयाग। उत्तराखंड की संस्कृति जितनी समृद्ध है, उतने ही मनमोहक यहां के लोकनृत्य-लोकगीत भी हैं। इनमें से बगडवाल नृत्य सदियों से गढ़वाल की धार्मिक संस्कृति का अभिन्न हिस्सा रहा है। आज भी गढ़वाल के कई गांवों में बगडवाल नृत्य का आयोजन किया जाता है। जिसमें जीतू बगडवाल की प्रेम गाथा को जागर और नृत्य के माध्यम से प्रस्तुत किया जाता है।
इसी कड़ी में तल्लानागपुर क्षेत्र के उत्तरसु गांव में आयोजित बगड्वाल नृत्य प्रसाद वितरण के साथ सम्पन्न हो गया है। इस दौरान देवता के रूप में पूजे जाने वाले जीतू बगड्वाल के जागरों के बीच ग्रामीणों ने खूब नृत्य किया।
मान्यता है कि आज से एक हजार साल पहले गढ़वाल रियासत के बगोड़ी गांव पर जीतू का आधिपत्य था। एक बार जीतू अपनी बहन सोबनी को लेने उसके ससुराल रैथल गांव जाता है। जहां उसकी प्रेमिका भरणा भी रहती है। जीतू बांसुरी की धुन में अपनी प्रेमिका के प्रेम गीत गाता रहता था। उसकी धुन पर मोहित होकर खैट पर्वत पर रहने वाली वन अछरियां वहां पहुंच जाती है और उसे अपने साथ ले जाना चाहती हैं। तब जीतू उन्हे वचन देता है कि धान की रोपाई वह स्वेच्छा से उनके साथ चलेगा और अंत में वह दिन भी आया जब रोपाई के दिन खेत में ही अछरियों ने जीतू के प्राण हर दिये। इसके बाद अदृश्य शक्ति के रूप में जीतू बगडवाल अपने परिजनों की मदद करता रहा। राजा ने जीतू की शक्ति को भांपते हुये पूरे गढ़वाल में उसे देवता के रूप में पूजे जाने का आदेश दिया। तब से लेकर अब तक लोग अपनी परेशानियों को हरने, सुख-शान्ति और समृद्धि की कामना से इस आयोजन को बडे़ प्रेम के साथ अपने गावों में कराते हैं। इस मौके पर इस मौके पर धर्मेंद्र सिंह, जनक सिंह, बलबीर सिंह, सूरज सिंह ,अरविंद सिंह, सतेंद्र सिंह, सुबोध पुरोहित, दिनेश बर्त्वाल, लक्षमण सिंह, किशन सिंह, मगन सिंह, मातवर सिंह, दीक्षा, गुड्डी, मीनाक्षी, ज्योति बबीता, दीपिका, रविन्द्र, हिम्मत, अखिलेश, विनीता, प्रमोद, दीपक, रजत, वीर सिंह सहित अन्य कई ग्रामीण मौजूद थे।