कोविड-19 के दौर में अनावश्यक रूप से वसूली करने वाले हॉस्पिटल व अन्य ब्लैक मार्केटिंग करने वाले के विरुद्ध आवश्यक कानूनी कार्रवाई होनी
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गणेश कुमार गगन
रामनगर कोरोनावायरस महामारी के चलते एडवोकेट एवं वरिष्ठ सामाजिक कार्यकर्ता गणेश गगन कुमार ने समाज के प्रति चिंता जताई और अपनी बात प्रेस वार्ता में बोलते हुए उन्होंने बताया की इस महामारी के दौर में जहां एक ओर शासन प्रशासन मौन व असहाय दिखाई दे रहा है जहां कोई भी जिम्मेदारी लेने को तैयार नहीं है बस चारों तरफ प्रत्येक व्यक्ति असहाय व मजबूर दिखाई दे रहा है वहीं दूसरी और पीड़ित परिवार इस महामारी में हताश असहाय है जो कार्य सरकार को करना चाहिए वह सरकार ने अब जनता पर छोड़ दिया है जहां सारे सरकारी तंत्र फेल हो चुके है तो दूसरी ओर प्राइवेट डॉक्टर व हॉस्पिटल मुनाफा कमाने में लगे हुए हैं कोविड के मरीज को देखते ही वह उनसे मनमाना व अतिरिक्त शुल्क ले रहे हैं तथा परिजनों से इतनी अधिक धनराशि प्राइवेट हॉस्पिटल जमा करने के लिए कह रहे हैं कि आम आदमी ना तो सरकारी अस्पताल में जहां किसी भी प्रकार की कोई सुविधा या देख रेख नहीं है तथा दूसरी ओर इतनी बड़ी धनराशि मध्यम परिवार के लिए उठानी असंभव है व्यक्ति के लिए समस्या यह है कि वह किस तरह वह अपने परिजन की जान बचाए वह बिना किसी दवा के ही तिल तिल मरते हुए अपने परिजनों को देखने को मजबूर है शासन-प्रशासन हॉस्पिटल की इस तरह की मनमानी मौन है। हॉस्पिटल पैसों का मोलभाव करके पीड़ित से बड़ी से बड़ी रकम ऐठने में लगे हुवे है। कोविड़ के नाम पर लोगो की मजबूरी का फायदा उठाने के लिये हॉस्पिटल कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं उनका कहना है कि हम शासन द्वारा जारी गाइड लाइन के अनुसार ही कार्य कर रहे हैं देखने में आया है कि कुछ हॉस्पिटल ₹30000 तथा कुछ 20,000 रुपए प्रतिदिन के हिसाब से अपने मन मुताबिक इस महामारी के दौर में मानवता भूल कर इंसानियत को शर्मसार कर रहे है, जिस पर शासन प्रशासन चुप्पी साधे हुए हैं वैसे तो प्रशासन ने प्राइवेट हॉस्पिटल में सेक्टर मजिस्ट्रेट तैनात किए हैं लेकिन उनका हॉस्पिटल पर कोई हस्तक्षेप नहीं है शासन प्रशासन को इस महामारी के दौर को मध्य नजर रखते हुए प्रत्येक अमीर और गरीब व्यक्ति की जान व मदद के लिए हॉस्पिटल व आवश्यक सामग्री हेतु आवश्यक शुल्क तय किया जाना चाहिए। जिससे प्रत्येक व्यक्ति की जान बचाई जा सके तथा उन्हें उचित सुविधा मुहैया कराई जा सके तथा साथ ही साथ अनावश्यक रूप से वसूली करने वाले हॉस्पिटल व अन्य ब्लैक मार्केटिंग करने वाले के विरुद्ध आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जानी चाहिए जिससे इन पर अंकुश लगाया जा सके।