श्रमिक नेताओं ने भी उठाए उषा ब्रेको लीज प्रकरण पर सवाल
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मनोज ननकानी
हरिद्वार,नगर निगम हरिद्वार बोर्ड एवमं उषाब्रेको लि0 कम्पनी की आपसी रजामंदी से नगर निगम को करोड़ो रु0 के नुकसान के कारण कहीं न कहीं निगम के कर्मचारी पर भी इसका सीधा असर हुआ है,क्योंकि जो पैसा नगर निगम को मिलता उससे सेवा निवृत्त व कार्यरत कर्मियों के बकाया देयो का आसानी से भुगतान हो सकता था।इस पर चिन्ता व्यक्त करते हुए,आ0भा0सफाई मज़दूर कांग्रेस रजि0 राष्ट्रीय स्वतंत्र ट्रेड यूनियन की उत्तराखंड शाखा ने कुछ प्रमुख पदाधिकारियों कीएक आवश्यक बैठक निगम प्रांगण स्थित यूनियन कार्यालय में covid 19 की गाइड लाईन कापालन करतेहुए बुलाई गई ।जिसका संचालन संगठन के प्रदेश महा मन्त्री राजेन्द्र श्रमिक ने किया।बैठक को सम्बोधित करते हुए श्रमिक नेता संगठन के प्रदेशाध्यक्ष सुरेंद्र तेश्वर ने कहा कि यदि निगम उषाब्रेको लि0 से आपसी मेल मिलाप न करके रोपवे का ओपन टेंडर आमंत्रित किया जाता तो निश्चित ही कई करोड़ अधिक का फायदा नगर निगम को होता लेकिन ये जो खेल हुआ है ये जनता जनार्दन को सब मालूम है।ये भी सर्व विदित है निगम की ओर से लगभग 123 करोड़ रु0 की देनदारी का वाद पूर्व से ही मा0उच्च न्यायालय में विचाराधीन है ,तथा जिसकी पत्रावली भी गायब हो गयी है।बैठक में उपस्थित राजेन्द्र श्रमिक, अशोक तेश्वर,राजेन्द्र चुटेला,आत्माराम बेनीवाल,ने कहा कि नगर पालिका का समय रहा हो या नगर निगम का फाइलों के गुम होने का शिलशिला तो यहां बादस्तूर जारी है पूर्व में नगर पालिका के समय मे भी निगम की करोड़ो की सम्पति के दस्तावेज गायब हो चुके हैं,निगम जिन क्वाटर्स का किराया कर्मचारियों से वसूल रहा है उसके दस्तावेज भी निगम के पास नही है सूचना में जब इसकी जानकारी मांगी गई तो तत्कालीन अधिशासी अधि0 से ये पता चला।सुरेंद्र तेश्वर ने प्रदेश के मा0मुख्यमंत्री से निगम हित एवम जनहित में इस पूरे प्रकरण की सी0 बी0आई0 जांच कराए जाने की मांग की है,जांच प्रक्रिया से वास्विकता तो सामने आएगी ही साथ ही भविष्य के लिए निगम में आवश्यक दस्तावेज भी सुरक्षित रह पाएंगे,वर्ना दस्तावेज इसी तरह गायब होते रहेंगे और अधिकारी गुमनाम से एफ0आई0आर0 करा कर इतिश्री करते रहेंगे।यूनियन पदाधिकारियों ने कहा कि इस प्रकरण की शिकायत मा0 प्रधानमंत्री कार्यालय में भी की जाएगी।