राज्य सरकार से लगाई गुहार एलोपैथिक इंटर्न चिकित्सकों की भांति ही हो आयुर्वेदिक इंटर्न चिकित्सकों की मानदेय वृद्धि।
सबसे तेज प्रधान टाइम्स
मनोज ननकानी
हरिद्वार - आयुर्वेद इन्टर्न चिकित्सको द्वारा मानदेय वृद्धि एवं स्नात्तकोत्तर प्रवेश परीक्षा में राज्य कोटे से 85 प्रतिशत सीटे आरक्षित करने तथा आयुर्वेद चिकित्सको की शीघ्र अतिशीघ्र भर्ती के सम्बन्ध में शनिवार को ऋषिकुल आयुर्वेद कॉलेज के चिकित्सकों ने राज्य सरकार को जगाने का कार्य करते हुए अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन किया। उन्होंने कहा हम राज्य सरकार से निवेदन करते हैं कि 2011 में शासनादेश अनुसार एलोपैथिक इन्टर्न चिकित्सकों का मानदेय 7500/- रूपए प्रतिमाह किया गया था जो अभी तक वैसे ही चला आ रहा था परंतु वर्तमान में तकरीबन 1 सप्ताह पूर्व उत्तराखंड के मुख्यमंत्री द्वारा घोषणा की गई है की एलोपैथिक इन्टर्न चिकित्सकों का मानदेय 7500/- से बढ़ाकर 17000/- रुपए किया जाता है। जबकि हम आयुर्वेद इंटर्न चिकित्सक भी पूर्ण ईमानदारी एवं सत्य निष्ठा के साथ अपने दायित्वों का निर्वहन कर रहे हैं परंतु हम आयुर्वेद इंटर चिकित्सकों के मानदेय के संबंध में कोई घोषणा नहीं की गई है जोकि हम सभी लोगों के साथ सरासर अन्याय है क्योंकि पूर्व में भी मानदेय दोनों पक्षों का समान चला आ रहा है। इसलिए यदि एलोपैथी इंटर चिकित्सकों का मानदेय मुख्यमंत्री की घोषणा के अनुसार बढ़ाया जाता है तो उनके साथ साथ हमारा मानदेय भी बढ़ाया जाए जिससे कि हम आर्युवेद इंटर्न चिकित्सक बिना किसी भेदभाव के पूर्ण इमानदारी से अपने दायित्वों का निर्वहन कर सकें। उन्होंने कहा अधिकतर राज्यों में स्नातकोत्तर प्रवेश परीक्षा में 85% कोटा स्थानीय परीक्षार्थियों के लिए आरक्षित रखे जाने का प्रावधान है परंतु उत्तराखंड में यह कोटा मात्र 50% तक सीमित रखा गया है जिससे राज्य के प्रतिभावान छात्र-छात्राएं अपने राज्य में प्रवेश से वंचित रह जाते हैं अतः स्थानीय परीक्षार्थियों के लिए भी 85% कोटा सुरक्षित रखा जाए राज्य को आयुष प्रदेश के नाम से जाना जाता है और प्रदेश में आयुष चिकित्सकों की भारी कमी है पिछले 10 वर्षों में उत्तराखंड राज्य में अभी तक आयुष चिकित्सकों की कोई भर्ती नहीं हुई है अतः राज्य सरकार से निवेदन है की शीघ्र अति शीघ्र आयुष चिकित्सकों की भर्ती प्रक्रिया भी प्रारंभ की जाए जिससे प्रदेश को आयुष चिकित्सक प्राप्त हो सके तथा चिकित्सा व्यवस्था बेहतर हो सके साथही राज्य के मूल निवासियों को समूह- ग की भांति भर्ती में प्राथमिकता दी जा सके। इस प्रदर्शन में भारी संख्या में आयुर्वेद इंटर्न चिकित्सकों ने भाग लिया। उन्होंने कहा जब तक राज्य सरकार हमारी मांगों को पूरा नहीं करेगी तब तक हमारा यह प्रदर्शन समय समय पर जारी रहेगा।
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