हरिद्वार में 10 मई को लगेगी न्याय की खुली अदालत,बिना वकील,बिना खर्च तुरंत समाधान
सबसे तेज प्रधान टाइम्स
पुलकित सिंह नारंग
हरिद्वार। जिले में न्याय की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल होने जा रही है। आम नागरिकों को त्वरित, सुलभ और सस्ता न्याय दिलाने के उद्देश्य से 10 मई 2025, शनिवार को राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन किया जाएगा। यह अदालत हरिद्वार, रुड़की और लक्सर के न्यायिक परिसरों में एक साथ आयोजित होगी।
क्या है राष्ट्रीय लोक अदालत?
राष्ट्रीय लोक अदालत एक वैकल्पिक न्याय प्रणाली है जिसमें ऐसे मामलों का समाधान किया जाता है, जिन्हें दोनों पक्ष आपसी सहमति से निपटाने को तैयार हों। इसमें कोर्ट के अंदर चल रही सामान्य प्रक्रिया से अलग, एक सरल और मैत्रीपूर्ण वातावरण में सीधे फैसले लिए जाते हैं, जिन पर तुरंत अमल होता है।
यह अदालतें भारत के न्यायिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 के अंतर्गत आती हैं और पूरे देश में एक ही दिन लाखों मामलों को सुलझाने की क्षमता रखती हैं।
इन मामलों का होगा निपटारा:
लोक अदालत में कई प्रकार के मामले लिए जाते हैं:
बैंक ऋण संबंधित विवाद (जैसे लोन की किश्तें, बकाया)
बिजली, पानी के बिल से जुड़े मामले
मोटर दुर्घटना मुआवजा मामले (MACT)
वैवाहिक विवाद व पारिवारिक झगड़े
भूमि विवाद, संपत्ति के छोटे विवाद
आपराधिक शमन योग्य मामले
श्रम विवाद, नगरपालिका जुर्माने, बीमा दावे आदि।
आपको क्या लाभ होंगे?
मुफ्त समाधान: कोर्ट फीस की वापसी होती है, यानी आपको कोई खर्च नहीं करना पड़ता।
समय की बचत: महीनों और सालों तक चलने वाले केस एक ही दिन में निपट सकते हैं।
मानसिक राहत: कानूनी लड़ाई की तनावपूर्ण प्रक्रिया से मुक्ति मिलती है।
आपसी संबंधों में सुधार: क्योंकि फैसले सहमति से होते हैं, रिश्तों में कटुता नहीं आती।
कानूनी वैधता: लोक अदालत का निर्णय अंतिम होता है और उच्च न्यायालय में चुनौती नहीं दी जा सकती।
हरिद्वार जिला विधिक सेवा प्राधिकरण की ओर से सभी वादकारियों से आग्रह किया गया है कि वे अपने लंबित मामलों के निपटारे के लिए लोक अदालत का लाभ लें। इसके लिए उन्हें अपने वकील या संबंधित विभाग से संपर्क कर मामले को लोक अदालत में भेजने के लिए आवेदन देना होगा।
लोक अदालत में ऐसे कई मामले सुलझाए जा चुके हैं जिनमें वर्षों से समाधान नहीं निकल पाया था। यह न केवल न्याय की प्रक्रिया को तेज करता है, बल्कि जनता और न्यायपालिका दोनों का समय और संसाधन बचाता है।
कैसे तैयार हों?
अपने केस से जुड़े सभी दस्तावेज साथ लाएं।अगर किसी सरकारी विभाग से विवाद है, तो संबंधित अधिकारी से पहले से बात कर लें।दोनों पक्षों में आपसी सहमति होनी चाहिए।अदालत परिसर में सुबह से ही रजिस्ट्रेशन की व्यवस्था होगी।
न्याय की इस अनोखी पहल में भाग लें और अपने मामलों को जल्दी, सुलभ और सौहार्दपूर्ण तरीके से निपटाएं।