राजाजी टाईगर पार्क रामगढ़ रेंज व वन ईको विकास समिति ने वनों में वन्यजीवों के लिए किया पानी कि व्यवस्था
सबसे तेज प्रधान टाइम्स
विजय शर्मा
डोईवाला । राजाजी राष्ट्रीय टाईगर नेशनल पार्क रामगढ़ रेंज के जंगलों में राजाजी टाईगर पार्क रामगढ़ रेंज व
वन ईको विकास समिति ने वनों में वन्यजीवों को बचाने के लिए पानी कि व्यवस्था जारी है।
राजाजी राष्ट्रीय टाईगर नेशनल पार्क रामगढ़ रेंज के जंगलों में बुल्लावाला के राजाजी टाइगर रिजर्व के रामगढ़ रेंज वन ईको विकास समिति द्वारा पानी व्यवस्था लगातार की जा रही है इस अवसर पर वन ईको विकास समिति के वन पंचायत अध्यक्ष मंगल सिंह रौथाण ने बताया कि राजाजी टाईगर रिजर्व पार्क रामगढ़ रेंज और वन ईको विकास समिति द्वारा राजाजी टाइगर रिजर्व पार्क की रामगढ़ रेंज में बढ़ती गर्मी को देखते हुए वन्यजीवों को वन ईको विकास समिति, विलेज प्रोटेक्शन फोर्स और राजाजी टाईगर रिजर्व पार्क के वन अधिकारियों व वन कर्मियों ने पीने का पानी वनों व उसके आसपास के क्षेत्रों में उपलब्ध कराने के कार्य प्रारम्भ कर दिए हैं इस पर 15 मार्च से लगातार एक टैंकर पानी प्रतिदिन पार्क क्षेत्र के जंगल के वाटरफॉल में वन्यजीवों के लिए पानी डाला जाता है और अध्यक्ष मंगल सिंह रोथाण ने कहा की गर्मी में पूर्व वर्षो की भांति इस बार भी ग्रामीणों की मदद से वन्य जीव को पानी उपलब्ध कराने के साथ ही जंगलों को आग से बचाने के उपाय किए जा रहे है। इस अवसर पर क्षेत्र पंचायत सदस्य
राजेंद्र तडियाल ने कहा कि राजाजी टाईगर पार्क रामगढ़ वन रेंज में वन ईको विकास समिति वन अध्यक्ष मंगल सिंह रोथाण द्वारा टाईगर पार्क क्षेत्र के वन विभाग के अधिकारियों की सहमति पर जंगल के वाटरफॉल में वन्यजीवों के लिए प्रतिदिन एक पानी का टैंकर खुद पार्क में डालने जाते हैं जिससें गर्मियों में पानी की तलाश में जंगली जानवर वन्यजीवों आबादी की ओर रुख ना कर सके। क्षेत्र पंचायत सदस्य राजेंद्र तडियाल ने वन ईको विकास समिति के वन पंचायत अध्यक्ष मंगल सिंह रौथाण जंगल में वन्यजीवों के लिए पानी की व्यवस्था करते है और वन पंचायत अध्यक्ष मंगल सिंह रौथान की यह पहल है कि इस बार एक भी जीव प्यासा ना रह जाए उनके इस कार्य की सराहना की है और साथ ही कुछ सामाजिक संगठन आशा करते हैं कि वन विभाग इस तरह के कार्यों के लिए वन पंचायत अध्यक्ष मंगल सिंह रौथाण को सम्मानित करें ताकि समय-समय पर लोग इस तरह के कार्यों के लिए जागरूक हो सकें जिससे कि वनों एवं वन्यजीवों को बचाया जा सके।