विधिक साक्षरता ज्ञान गोष्ठी में सिवील जज शमशाद अली ने दी विभिन्न कानूनों की जानकारी
विधिक साक्षरता ज्ञान गोष्ठी में सिवील जज शमशाद अली ने दी विभिन्न कानूनों की जानकारी
सबसे तेज प्रधान टाइम्स
सुनील सोनकर
मसूरी। ज़िला विधिक सेवा प्राधिकरण (डीएलएसए) के तत्वावधान में मसूरी महात्मा योगेष्वर सरस्वती षिषु विद्य मंदिर इंटर कॉलेज में सिविल जज शमशाद अली अली के नेतृत्व में विधिक साक्षरता ज्ञान गोष्ठी का आयोजन किया गया इस मौके पर उच्च न्यायलय के द्वारा नषे के दुश्प्रभाव और उसको केैसे समाप्त किया जाये पर आधारित वीडियों भी बच्चों को दिखाई गई। इस मौके पर अधिवक्ता मनोज षैली, रणबीर सिंह आदि ने विभिन्न कानूनों के बारे में विस्तृत जानकारी दी। गोश्ठी में आम लोगों ओर बच्चो को कानून से जुड़ी ज़रूरी जानकारी देते हुए उन्हें कानूनी अधिकारों के बारे में जागरूक किया गया। सीवील जज षमषाद अली ने बताया कि विधिक साक्षरता ज्ञान गोष्ठी के माध्यम से लोगों में कानूनी जागरूकता बढ़ाने के लिए, डीएलएसए ये काम करता है।कॉलेजों, जेलों, और दूसरे जगहों पर कानूनी साक्षरता शिविर आयोजित करना जनता के बीच कानूनी जागरूकता फैलाना विशेष रूप से सामाजिक विधानों के लाभार्थियों और कानूनी महत्व के दूसरे मुद्दों पर ज़ोर देना कानूनी जागरूकता या विधिक साक्षरता से लोगों को कानून से जुड़ी सामान्य जानकारी दी जाती है. इससे कानूनी संस्कृति को बढ़ावा मिलता है और कानून के शासन की दिशा में प्रगति होती है. विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 के तहत, देश भर में एक नेटवर्क बनाया गया है. इस नेटवर्क के ज़रिए, समाज के कमज़ोर वर्गों को मुफ़्त और सक्षम कानूनी सेवाएं दी जाती हैं। सिविल जज शमशाद अली ने कहा कि लोगों े और बच्चों को विधि के संबंध में जानकारी देने के साथ यातायात नियमों और पोस्को एक्ट के बारे में जानकारी दी गई है कामकाजी महिलाओं का किसी प्रकार से शारीरिक और सेक्सुअल हैरेसमेंट ना हो व उनके अधिकारों के बारे में जानकारी दी गई है और यह सभी चीज बच्चों को समझाई गई है जिसे वह अपने स्तर पर लोगों को जागरुक कर सके। उन्होंने बताया की राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) की टोल-फ़्री हेल्पलाइन नंबर 15100 पर कॉल करके तुरंत कानूनी सहायता पाई जा सकती है. इस हेल्पलाइन पर कॉल करने वाले को संबंधित राज्य या ज़िले के प्राधिकरण से जोड़ा जाता है। अगर कॉल व्यस्त हो या तकनीकी कारणों से छूट जाए, तो नालसा हेल्पलाइन से कानूनी सहायता के लिए कॉलबैक की सुविधा भी है. कॉलबैक उसी दिन या अगले कार्य दिवस पर किया जाता है. नालसा का गठन विधिक सेवा प्राधिकरण अधिनियम, 1987 के तहत किया गया था. इसका मकसद समाज के कमज़ोर वर्गों को मुफ़्त में कानूनी सेवाएं देना और विवादों का सौहार्दपूर्ण समाधान के लिए लोक अदालतों का आयोजन करना है। वही मानास (मादक पदार्थ निषेधआसूचना केंद्र) के तहत एक टोल-फ्री नंबर 1933, एक वेब पोर्टल, एक मोबाइल ऐप और उमंग ऐपके माध्यम से देश के नागरिक, नशीली दवाओं की तस्करी/तस्करी पर जानकारी साझा कर सकतेहै व नशीली दवाओं के दुरुपयोग, नशामुक्ति और पुनर्वास जैसे मुद्दों से संबंधित सलाह लेने के लिए गुमनाम रूप से चौबीसों घंटे एनसीबी से जुड़ सकते है।