ग्राम प्रधान की झूठी शिकायत करने पर हाईकोर्ट ने शिकायतकर्ता पर लगाया ₹10000 जुर्माना
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विनोद धीमान
लक्सर :- लक्सर तहसील क्षेत्र के ग्राम पंचायत दरगाहपुर में कपिल कुमार गोयल द्वारा ग्राम प्रधान द्वारा किए गए विकास कार्यों को लेकर जिलाधिकारी व उप जिलाधिकारी को शिकायतें की जा रही थी। जिसमें संबंधित विभाग द्वारा ग्राम प्रधान निधि के अंतर्गत किए गए कार्यों की जांच की गई थी जिसमें सभी कार्य जांच में सही पाए गए तथा शिकायत निराधार पाई गई। इस सम्बन्ध में कपिल कुमार गोयल ने माननीय उच्च न्यायालय नैनीताल में रिट डाली जिसकी रिट संख्या 671/प०७/ प्रिंट/२०२१-२२है। जिसको माननीय उच्च न्यायालय ने साक्ष्य के अभाव में खारिज कर दिया था।परन्तु शिकायतकर्ता कपिल कुमार गोयल ने फिर दोबारा से रिट अपील की जिसमें माननीय उच्च न्यायालय ने जिलाधिकारी हरिद्वार को जांच करने के आदेश दिए थे।जिसमें जिलाधिकारी द्वारा संयुक्त टीम के साथ जिला पंचायत राज अधिकारी रमेश त्रिपाठी को जांच सौंपी थी वही जांच अधिकारी रमेश त्रिपाठी ने पाया कि शिकायतकर्ता कपिल कुमार गोयल अनावश्यक रूप से शिकायत कर रहा है जिसकी शिकायत निराधार है। जिसमें उसके पास कोई भी गबन या भ्रष्टाचार के साक्ष्य नहीं है। शिकायतकर्ता से जब जांचकर्ताओं ने साक्ष्य मांगा तो वह साक्ष्य देने में असमर्थ रहा।साथ ही पूर्व में अनेकों स्थलीय विकास कार्यों की जांचों का जांच अधिकारी ने संज्ञान लिया। जिनमें कपिल कुमार गोयल की शिकायतो को जांच अधिकारियों ने गलत ठहराया और उसकी मंशा पर सवाल उठाया। सभी मामलो का संज्ञान लेते हुए माननीय उच्च न्यायालय हाईकोर्ट ने जिलाधिकारी हरिद्वार द्वारा कराई गई जांच के आधार पर और शिकायतकर्ता द्वारा कोई साक्ष्य न प्रस्तुत करने पर शिकायतकर्ता कपिल कुमार गोयल पर 10000 (दस हजार रुपये)का जुर्माना लगाया।इस सम्बन्ध में माननीय उच्च न्यायालय ने जिलाधिकारी हरिद्वार को आदेश दिया है कि शिकायतकर्ता कपिल कुमार गोयल से जुर्माने की राशि जमा कराई जाए अन्यथा उसके खिलाफ कार्रवाई की जाए।उधर निवर्तमान ग्राम प्रधान श्रीमति फिरदोस अंसारी से जब बात की गई तो उन्होंने बताया कि शिकायतकर्ता मुझे पांच साल से अनावश्यक शिकायत करके परेशान करता चला रहा है। जिसमें जांच अधिकारियों ने कपिल कुमार को विकास कार्य में बाधा उत्पन्न करने वह महिला प्रधान को ब्लैकमेल करने परेशान करने का दोषी भी माना है।फ़िरदौस अंसारी ने बताया कि मैंने कई बार सम्बंधित विभाग के अधिकारियों को भी अवगत कराया लेकिन उसके खिलाफ कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है।शिकायतकर्ता की अनावश्यक शिकायत करने पर गांव के विकास कार्यों पर भी काफी प्रभाव पड़ा है।