धूँ-धूँ कर जला असत्य का प्रतीक रावण, बुराई पर हुई अच्छाई की जीत
सबसे तेज प्रधान टाइम्स
विनोद धीमान
हरिद्वार/लक्सर :- धू धू कर जला रावण,बराई पर अच्छाई की जीत हुई, जी हाँ आज 15 अक्टूबर को शाहपुर बादशाहपुर सुल्तानपुर में विजयदशमी का त्यौहार बड़ी धूमधाम के साथ मनाया गया जिसमें आज मेले का आयोजन भी किया गया। क्षेत्र के आस-पास के गांव के लोगों की भीड़ ने मेले की रौनक को बढ़ाया। आपको बता दें करोना काल की वजह से सभी धार्मिक आयोजन, मेला इत्यादि बंद पड़े हुए थे। प्रशासन की आज्ञा लेकर रामलीला कमेटी शाहपुर शीतला खेड़ा ने विजयदशमी पर्व के उपलक्ष में मेले का आयोजन किया गया जिसमें क्षेत्र के गांव के लोगों ने मेले की रौनक बढ़ाई।आज मैले के कारण लोगों में बढ़ा उल्लास देखने को मिला। सभी लोग बड़े खुश दिखाई दिए। राम रावण युद्ध में बच्चों ने भी बढ़ चढ़कर हिस्सा लिया कोई वानर सेना में कोई रावण सेना में बच्चों ने भी अपना पूर्ण योगदान दिया। मेले को लेकर सबसे ज्यादा खुशी बच्चों में दिखाई दी। राम रावण के युद्ध के बाद 5:30 बजे रावण का पुतला जलाया गया जिसको बुराई का प्रतीक माना जाता है आज उसका अंत हो गया।
शाहपुर शीतला खेड़ा रामलीला कमेटी के अध्यक्ष ऋषि पाल सैनी ने बताया कि आज ग्राम शाहपुर में रामलीला कमेटी की तरफ से प्रशासन की आज्ञा लेकर दशहरा पर्व पर मेले का आयोजन किया गया है जो पिछले 1 वर्ष से कोविड-19 कॉल से बंद पढ़ा हुआ था जिसमें किसी भी धार्मिक आयोजन की सरकार ने अनुमति नहीं दी थी। आज रामलीला कमेटी के सदस्यों और क्षेत्रवासियों के कहने पर उनकी भावनाओं को ध्यान में रखते हुए प्रशासन से मेले की परमिशन ली गई जिसमें प्रशासन द्वारा सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए पुलिस की व्यवस्था की गई। मास्टर सतीश ने बताया की सभी की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए इस दशेहरा मेला का कार्यक्रम संचालन किया गया है जिसमें प्रशासन ने हमारा पूरा सहयोग किया है , पुलिस के जवानों की तैनाती की गई। मास्टर सतीश ने बताया आज दशहरे का त्यौहार ग्राम शाहपुर में बड़े ही धूमधाम के साथ मनाया गया है जिसमें बुराई पर अच्छाई की जीत हुई है असत्य पर सत्य की जीत हुई है। हम सभी कार्यकर्ता भगवान श्रीराम से प्रार्थना करते हैं कि सभी लोगों पर अपनी कृपा दृष्टि बनाए रखें।
कार्यक्रम के आयोजन में अध्यक्ष ऋषिपाल उपाध्यक्ष ओमप्रकाश राठौर कोषाध्यक्ष नवीन सैनी कार्यकर्ता मास्टर सतीश कुमार दीपक सैनी विजेंद्र सैनी सरदार भोपाल सिंह एवं समस्त ग्रामीण शामिल रहे।