प्रतिभा दिवस पर जी जी आई सी थत्यूड़ में रंगारंग कार्यक्रमों का आयोजन
सुनील सोनकर
मसूरी: ब्लॉक जौनपुर के राजकीय कन्या इंटर कॉलेज थत्यूड़ में माह के अंतिम शनिवार पर मनाए जाने वाले प्रतिभा दिवस के अवसर पर मातृ सम्मेलन का शानदार आयोजन किया गया। जिसके अंतर्गत मेहंदी , रंगोली व सांस्कृतिक गीत व नृत्य कविता व भाषण आदि विभिन्न प्रतियोगिताएं भी आयोजित की गईं, जिनमें बालिकाओं के साथ साथ उनकी मातृशक्ति की भी सक्रिय सहभागिता रही। बड़ी संख्या में छात्राओं की माताओं ने विद्यालय में पहुंच कर अपनी बालिकाओं के उत्साह बढ़ाया। एवम कार्यक्रम का आनन्द लिया।
कार्यक्रम का शुभारम्भ विद्यालय की प्रधानाचार्या आरती चिटकारिया तथा आमंत्रित मातृशक्ति के द्वारा मां सरस्वती की प्रतिमा के सम्मुख दीप प्रज्वलन एवम माल्यार्पण कर किया गया। तत्पश्चात छात्राओं द्वारा मां सरस्वती की वंदना एवं स्वागत गान किया गया प्रतिभा दिवस का मुख्य विषय माँ रहा। इस विषय पर आधारित भाषण, कविता, रंगोली, पोस्टर पेंटिंग तथा मेहंदी प्रतियोगिताओं में छात्राओं ने बढ़ चढ़कर भाग लिया। 'बच्चे के जीवन निर्माण में माँ की भूमिका' विषय पर आधारित भाषण प्रतियोगिता में भारती सजवान ने प्रथम द्वितीय स्थान किरण मेहर एवम तृतीय वर्तिका नौटियाल ने प्राप्त किया। कविता प्रतियोगिता में रेशमा प्रथम, किरण मेहर द्वितीय, लक्ष्मी पंवार तृतीय स्थान पर रही। सदन अनुसार रंगोली प्रतियोगिता में माँ विषय पर बेहद सुंदर रंगोलियां बनाकर इशिका प्रथम, प्राची द्वितीय, तथा किरण तृतीय स्थान पर रहे। प्रतियोगिता में छात्राओं के साथ ही उनकी माताओं को भी पुरस्कृत किया गया। जहां छात्राओं द्वारा अनेक रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किए गए वहीं उनकी माताओं ने भी मंच पर रंगारंग सामूहिक लोकनृत्य व गीत की प्रस्तुतियां देकर सभी को झूमने पर मजबूर कर दिया। माताओं की ओर से मुंगलोड़ी की क्षेत्र पंचायत सदस्य बीना रावत एवम योग प्रशिक्षिका सविता गौड़ के द्वारा आयोजन के सम्बन्ध में अपने विचार व्यक्त किए गए, जिन्होंने विद्यालय की प्रधानाचार्या आरती चिटकारिया के इस सार्थक प्रयास की अत्यधिक सराहना करते हुए उनका हार्दिक आभार व्यक्त किया उन्होंने अपने पूर्व अनुभव से बताया कि विद्यालय में पहली बार इतनी बड़ी संख्या में मातृ शक्ति की उपस्थिति देखकर वे स्वयं भी अभिभूत हैं। आयोजन के अंत में प्रधानाचार्या द्वारा प्रत्येक जीव के जीवन में माँ की अतुलनीय भूमिका व महत्व की चर्चा की गई। उन्होंने माँ की गोद को बच्चे की पहली पाठशाला बताते हुए कहा कि जिस प्रकार कच्चे घड़े पर पड़ी हुई छाप पकने के बाद सदैव के लिए अंकित हो जाती है उसी प्रकार माँ के द्वारा दिया गया सुंदर संस्कार जीवन भर के लिये बच्चे के मानसपटल पर स्थाई बना रहता है। अतः अपने बालक बालिकाओं को अच्छे संस्कार देना मां का भी पहला कर्तव्य है। प्रधानाचार्य के द्वारा अपना अमूल्य समय देने और छात्राओं के उत्साहवर्धन के लिए उपस्थित मातृशक्ति का धन्यवाद ज्ञापित करते हुए भविष्य में इसी प्रकार उनके द्वारा अपनी बालिकाओं के हित में विद्यालय में उनकी निरंतर सक्रिय सहभागिता की अपेक्षा की गई। कार्यक्रम में विद्यालय की शिक्षिकाओं श्रीमती कुसुम पंवार, संगीता थपलियाल, भारती नौटियाल, रश्मि जोशी, कुसुमलता कठैत, दीपा नवानी अन्नपूर्णा सिंह, सुमिता रावत, मालती नौटियाल, उषा मेहरा सहित समस्त छात्रायें व बड़ी संख्या में अभिभावक उपस्थित रहे।