उत्तराखंड के उभरते संगीतकार व गायक गुंजन डंगवाल का सड़क दुर्घटना में निधन
सत्य प्रकाश ढौंडियाल
क्षेत्र में शोक की लहर, क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों ने की संवेदना व्यक्त।
उत्तराखंड: संवेदना व्यक्त करने वालों में शक्ति लाल शाह विधायक घनसाली एवं पूर्व विधायक भीमलाल आर्य, पूर्व प्रमुख धनीलाल शाह, डॉक्टर नरेंद्र डंगवाल अध्यक्ष नगर पंचायत घनसाली
पहाड़ की सान उत्तराखंड के लोक गीत-संगीत जगत में युवा संगीतकार के रूप मे अपनी पहिचान रखने वाले अखोड़ी घनसाली के मूल निवासी युवा संगीतकार गुंजन डंगवाल की चंडीगढ़ में एक सड़क हासदे में मौत हो गई। गुंजन डंगवाल के निधन के समाचार से उत्तराखंड में शोक की लहर फैल गई है। जिस के लिए क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों सामाजिक कार्यकर्ताओं लोक संगीत प्रेमियों सांस्कृतिक एवं रंग कर्मियों ने शोक संवेदना व्यक्त करके गहरा दुख व्यक्त कर गुंजन डंगवाल को अपने अपने शब्दो में ओर सोशल साइट पर भावभीनी श्रद्धांजलि दी हैऔर दुख ब्यक्त करने वालों में घनसाली विधायक शक्ति लाल शाह ब्लाक प्रमुख बसुमती घनाता ,नगर पंचायत अध्यक्ष ममता पवार शंकर पाल सजवान,एवं पूर्व विधायक भीम लाला आर्य, पूर्व प्रमुख धनीलाल शाह, और रंगकर्मी सत्यप्रकाश, डॉ प्रकाश चन्द्र, रघु रावत , पूर्व प्रधान सोहन लाल परोपकारी ,लोक कलाकार लक्ष्मण आर्य, लोकगायक पंकज दयाल,प्यारे मोहन, बृजमोहन ( राधिका टेलर),अनिल दुरियाल ,आशीष बनगुडा, हरीश चंद्र, लोक कलाकार ,लोक गायिका निधि डौंडियाल आदि ने संवेदना व्यक्त की है।
आपको बता दे की गुंजन डंगवाल मूलत: जनपद टिहरी गढ़वाल के भिलंगना ब्लाक के अखोड़ी गांव के निवासी थे। गुंजन के पिता कैलाश डंगवाल शिक्षक और संस्कृतिकर्मी हैं. गुंजन की बचपन से ही संगीत के क्षेत्र में रुचि रही है। वे भले ही बी टेक इंजीनियर थे, लेकिन गुंजन ने उत्तराखंडी लोक संगीत में अपनी इंजीनियरिंग का ऐसा जादू तैयार किया कि *चैता की चैत्वाली पर हर कोई नाच उठता था। पहाड़ी साज हुड़का जैसे यंत्रों पर संगीत की जबरदस्त धुन तैयार करने वाले गुंजन कम उम्र में ही लाखों उत्तराखंडियों के दिलों में बस गए थे। वे अनेक सांस्कृतिक मंचों पर शानदार प्रस्तुतियों से बेस्ट मंच परफारमर के रूप में अपनी चहचान बना चुके थे और उनको लोक संगीत के नए आयामों के लिए अनेकों समान मिले है। उत्तराखंडी संगीत में नए प्रयोग और गीतों में बेजोड़ शब्दों के माध्यम से वो हर प्रस्तुति को बेहतरीन बना देते थे. पहाड़ी अ-कापेला, नंदू मामा की स्याली, ऊडांदू भौंरा जैसे शानदार गीतों को पिरोने वाले गुंजन डंगवाल ने अमित सागर, रोहित चौहान के अनेक गीतों को संगीत दिया. गुंजन हाल ही में पहाड़ी अ-कपेला 3 की तैयारी कर रहे थे। इस बात की जानकारी गुंजन ने अपनी फेसबुक पोस्ट के माध्यम से लोगों को दी थी. गुंजन ने अपनी मेहनत और लगन से बहुत ही कम वक्त में उत्तराखंड के संगीत जगत में अपना नाम एक बेहतरीन म्यूजिक डायरेक्टर के रूप में स्थापित किया था.गुंजन के असमायिक निधन पर उत्तराखंडी गीत संगीत से जुड़े विभिन्न लोक संगीतकार, संस्कृति कर्मी , लोककलाकारों , जन प्रतिनिधियों, सामाजिक संगठनों ने अपनी शोक संवेदना व्यक्त की है में व्यापारियों ने भी घनसाली के हीरो गुंजन के चित्र पर कैंडल जलाकर के अपनी शोक संवेदना व्यक्त की है।