उत्तराखण्ड की मां रेणुका की डोली पहुंची कुम्भ नगरी हरिद्वार
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मनोज ननकानी
हरिद्वार - महा कुंभ के अवसर पर जैसे जैसे सोमवती आमावस्य और बैसाखी की तिथि नजदीक आ रही है, वैसे वैसे पहाड़ों के दूर-दराज के गावों से कुम्भ में देवी-देवताओं के निशाण, ध्वजा और देवडोलियां हरिद्वार पंहुचने लगे हैं। वैसे 23 अप्रैल को उत्तराखण्ड के गांव गांव से देव डोलियों का हरिद्वार में महासंगम होने जा रहा है। पर कुछ देवता अपनी तिथि के अनुरूप यहां पहुंच रहे है।
उत्तरकाशी के सरनौल गांव से मां रेणुका की डोली सैकड़ों श्रद्धालुओं के साथ हरिद्वार पंहुच गयी है। रेणुका के मुख्य पुजारी मनोज सेमवाल ने बताया कि उनका यह कार्यक्रम पूर्व से ही तय था। अन्यथा वे भी 23 अप्रैल को सभी देवी-देवताओं की देव डोलियों के साथ संगम में उपस्थित होते। रेणुका मैया के पुजारी पं॰ शक्ति प्रसाद सेमवाल ने बताया कि यह अनूठा संगम है। पर नियत तिथि को निरस्त नहीं कर सकतें। किन्तु जिस दिन उत्तराखण्ड की सभी देव डालियां हरिद्वार में पंहुचेगी उस दिन मां रेणुका का निशाण इस संगम में सम्मिलित होने की इजाजत मां रेणुका से ली जा सकती है।
हरकी पैड़ी पर पंहुची मां रेणुका की डोली का सभी श्रद्धालुओ ने आशीर्वाद प्राप्त किया है। तत्पश्चात मां रेणुका की डोली व मूर्ती को पं॰ शक्ति प्रसाद सेमवाल, मनोज सेमवाल, राजेन्द्र प्रसाद सेमवाल, आचार्य लोकेश बडोनी, वजीर एवं रेणुका मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष विजेन्द्र सिंह राणा, विरेन्द्र सिंह रावत, सरनौल की प्रधान सरीता चैहान, चिरंजीव सेमवाल, ढोली सुन्दर प्रेमी आदि ने गंगा स्नान करवाया। जब मां रेणुका की डोली सैकड़ांे श्रद्धालुओें के साथ हरकी पैड़ी व ब्रहमकुण्ड पंहुची तो शंख, ढोल, नगाड़ों और रण्सिंग की अनुगूंज से एक बारगी वहां मौजूद सभी श्रद्धालु थम से गये। सभी ने हाथ जोड़कर, नतमस्तक होकर मां रेणुका का आशीर्वाद प्राप्त किया।
मां रेणुका के मुख्य पुजारी ने बताया कि आज रेणुका मैया गंगा स्नान करके रात्रिी विश्राम के लिए पं॰ शक्ति प्रसाद सेमवाल के देहरादून आवास पहुंचेगी। जहां अगली सुबह तक लोग मां रेणुका के दर्शन करेंगे। उसके बाद 12 अप्रैल को मां रेणुका अपने कुल स्थान सरनौल गांव पंहुचेगी।