गेहूं की फसल खेतों में तैयार
दिलशाद अली
सबसे तेज प्रधान टाइम्स
लक्सर तहसील क्षेत्र के आसपास में गेहूं की फसल खेतों में तैयार हो गई है जिसको कटाई के लिए मुजफ्फरनगर पुरकाजी से किसानों के गेहूं काटने के लिए लेबर आती है आपको बताते चलें कि एक परिवार जो मुजफ्फरनगर से लक्सर क्षेत्र में गेहूं कटाई कर रहा है माता-पिता तो गेहूं काटने के लिए खेतों में चले जाते हैं और दो छोटे-छोटे बच्चे जो पैसे मांगते हैं और पैसे मांगने का तरीका भी बहुत ही निराला अंदाज है जिस पर इंसान तरस करता है और उनको देख कर भीख दे रहे हैं छोटा बच्चा जो बड़े बच्चे की गोद में बैठा है वह भी हाथ फैलाकर बस्ती में भीख मांगता है और बड़ा बच्चा बड़ी एक्टिंग कर पैसे मांग रहा है हर व्यक्ति उनको पैसे दे रहा है जब हमने इस बाबत बच्चे से मालूम किया तो उसने बताया कि हम मुजफ्फरनगर निवासी हैं और लक्सर क्षेत्र में गेहूं काटने का कार्य करते हैं जब मेरे माता पिता गेहूं काटने के लिए किसान के खेत में चले जाते हैं तो हम बस्ती में जाकर पैसे मांगते हैं मैं छोटे भाई को गोद में बैठा लेता हूं और मैं खुद भी हाथ फैला कर पैसे मांगता हूं और मेरा छोटा भाई भी रो-रो कर हाथ फैलाता है सुबह से 12:00 बजे तक हम पैसे मांगते हैं और फिर 4:00 बजे से 6:00 बजे तक पैसे मांगते हैं हमारे पास ₹800 रुपये और ₹700 के करीब हो जाते हैं और शाम होने पर हम अपने माता-पिता को पैसे दे देते हैं इससे पता लगता है कि मां-बाप खेत में गेहूं काटकर रोजी कमा रहे हैं उधर बच्चे नगद पैसे मांग कर पैसा कट्ठा करने पर लगे हैं हम भी देखकर अफसोस करने लगे और हमने भी उन पर तरस खाया फिर बड़े बच्चे ने जिसकी उम्र 8 वर्ष है उसने हमें कलाकर के दिखाईं इससे पता चलता है कि माता पिता ने अपने बच्चों को अच्छी ट्रेनिंग दी हुई है लेकिन अच्छे तो जब होते जब माता-पिता अपने बच्चों को पढ़ने के लिए स्कूल में भेज ते और वह पढलेते लेकिन मांगते पैसे की आदत डालना और भीख मंगवाना बच्चों से सरासर गलत है ऐसा नहीं होना चाहिए आज भी समाज के अंदर ऐसे लोग मौजूद हैं जो सुबह ही अपने बच्चों को मांगने के लिए निकाल देते हैं और अपना पेट भरते हैं ऐसे लोगों से होशियार रहें और अगर भीख दें तो ऐसे लोगों को दें जो विकलांग है हाथ पैर नहीं है अंधा है ऐसे लोगों को देना पुण्य का कार्य है।