ग्रामीणों ने लगाया सड़क निर्माण में घटिया कार्य का आरोप
सबसे तेज प्रधान टाइम्स
विनोद धीमान
ग्रामीणों का आरोप सड़क निर्माण में कराया जा रहा घटिया काम
लक्सर लगभग पांच करोड़ की लागत से ब्लाक बहादराबाद के गढ़ी संघीपुर गांव में सड़क का निर्माण कराया जा रहा था। जिसे शनिवार को घटिया काम होने का आरोप लगाते हुए ग्रामीणों ने ठप कर दिया। इधर ठेकेदार के द्वारा कहा गया कि यदि ग्रामीण नहीं माने तो वे काम को ही समेट लेंगे। क्योंकि इस्टीमेट के अनुसार गांव में सड़क का निर्माण कार्य कराया जाएगा। जानकारी के अनुसार गढ़ी संघीपुर गांव में अलावलपुर से गढ़ी संघीपुर गांव से होते हुए लाद्पुर तक लगभग आठ किलोमीटर लम्बी सड़क का निर्माण कराया जाना है। सड़क निर्माण के स्वीकृति के बाद काम भी शुरू कर दिया गया। काम शुरू होने के कुछ दिनों तक तो लोगों ने कुछ भी नहीं बोला। लेकिन जब अनियमितता दिखने लगी तो लोगों का गुस्सा भी बढ़ने लगा। इसके बाद ग्रामीणों ने निर्माण कार्य में सुधार को लेकर ठेकेदार को कहा। पर उसके बाद भी निर्माण कार्य में सुधार नहीं हुआ और उसी तरह से कार्य होता रहा। शनिवार को ग्रामीणों का आक्रोश फूट पड़ा और लोगों ने काम ही ठप करा दिया। अब ग्रामीणों की मांग है कि जब तक उच्चअधिकारियों के द्वारा निर्माण कार्य की जांच नहीं की जाएगी और काम में सुधार नहीं होगा। तब तक वे लोग कार्य को ठप रखेंगे।
बहादराबाद ब्लाक में अलावलपुर से लाद्पुर गांव तक बन रही थी सड़क
ग्रामीणों ने सड़क में घटिया सामग्री का इस्तेमाल देख काम कराया ठप
लगभग पांच करोड़ का मिला था बजट, ठेकेदार ने कहा-ग्रामीण नहीं माने तो समेट लूंगा काम
सड़क निर्माण स्थल पर योजना से संबंधित बोर्ड भी लगाया गया है। जिससे कि यह पता चल सके कि किस योजना के तहत उक्त सड़क का निर्माण कराया जा रहा है।लोगों को प्राक्कलन राशि के बारे में जानकारी है और इससे संबंधित कुछ और भी। ग्रामीणों का कहना है कि इस्टीमेट को छुपाने के कारण ही बोर्ड लगाया गया है। ताकि उन लोगों को प्राक्कलन राशि की जानकारी हो सके।
लोकनिर्माण विभाग हरिद्वार के अधीन बन रही है सड़क
गढ़ी संघीपुर गांव में भारत सरकार योजना के तहत काफी इंतजार के बाद सड़क का निर्माण हो रहा है। लोगों में सड़क निर्माण का कार्य शुरू होने से आस जगी थी कि उनके गांव में पक्की सड़क होगी। जिससे आवागमन में परेशानी नहीं होगी। लेकिन निर्माण कार्य सही तरीके से नहीं होने से लोगों में अब सड़क का जर्जर होने का डर बन गया। जिसके बाद लोगों ने निर्णय लेते हुए काम को भी बंद करा दिया। हरिद्वार मुख्यालय से लगभग पच्चीस किलोमीटर की दूरी पर बसा है। यहां लगभग दस गांव में की पचास हजार की आबादी रहती है। पक्की सड़क नहीं होने के कारण बरसात के दिनों में लोगों को आवागमन करने में काफी परेशानी होती है।