पुत्र ने कराया पिता का मरणोपरांत नेत्रदान
सचिन शर्मा
हरिद्वार। “अपने लिए जिए तो क्या जिए,
ए दिल, जी तू जमाने के लिए।”
इस उक्ति को चरितार्थ करते हुए सैनी परिवार ने पिता के मरणोपरांत नेत्रदान कर दो लोगों के जीवन में उजाला लाने का कार्य किया है।
नेत्रदान कार्यकर्ता एवं लायंस क्लब ऋषिकेश देवभूमि के चार्टर अध्यक्ष गोपाल नारंग ने बताया कि गत दिवस ज्वालापुर निवासी 75 वर्षीय मनीराम सैनी का अचानक स्वास्थ्य खराब होने पर उनके पुत्र संजय सैनी उन्हें अस्पताल लेकर गए। वहां चिकित्सकों ने कहा कि अब उनके बचने की संभावना कम है। इस पर श्री सैनी ने आग्रह करते हुए इलाज जारी रखने को कहा और उन्हें भर्ती कराया।
इसी दौरान, श्री सैनी ने अपने परिवार के निकटतम सदस्य और रामशरण चावला के मित्र सुभाष तनेजा को अपने पिता के नेत्रदान की इच्छा से अवगत कराया। श्री तनेजा ने तुरंत इसकी जानकारी श्री नारंग को दी। श्री नारंग ने तुरंत परिवार से संपर्क कर मरणोपरांत सूचित करने का अनुरोध किया।
ब्रह्म मुहूर्त में उनके निधन के बाद, सैनी परिवार द्वारा मृत्यु की सूचना मिलने पर श्री नारंग के आग्रह पर ऋषिकेश आई बैंक एम्स हॉस्पिटल की नेत्रदान रेस्क्यू टीम ने उनके निवास पर पहुँचकर कॉर्निया सुरक्षित रूप से प्राप्त किए।
नेत्रदान के इस पुनीत कार्य पर अनिल अरोड़ा, अशोक कालड़ा, राजेश अरोड़ा, जितेंद्र आनंद, अनिल झाम, नरेंद्र सचदेवा और अनिल कक्कड़ ने सैनी परिवार की सराहना की।
लायंस क्लब ऋषिकेश देवभूमि के जनसंपर्क अधिकारी मनमोहन भोला के अनुसार, “नेत्रदान महादान हरिद्वार-ऋषिकेश मिशन” का यह 378वां सफल प्रयास है, जो अविरल रूप से चलता रहेगा।