राज्य आपदा प्रबंधन के उपाध्यक्ष ने अपने एक दिवसीय पौड़ी जनपद भ्रमण के दौरान जिला स्तरीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली
राज्य आपदा प्रबंधन के उपाध्यक्ष ने अपने एक दिवसीय पौड़ी जनपद भ्रमण के दौरान जिला स्तरीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली
सबसे तेज प्रधान टाइम्स गबर सिंह भण्डारी
पौड़ी/श्रीनगर गढ़वाल। मानसून के दौरान राहत एवं बचाव कार्याे को लेकर जनपदों की स्थिति की समीक्षा हेतु मुख्यमंत्री उत्तराखंड सरकार पुष्कर सिंह धामी के दिशा-निर्देशों के क्रम में उपाध्यक्ष राज्य आपदा प्रबंधन (स.स.) विनय रुहेला ने अपने एक दिवसीय जनपद भ्रमण के दौरान आपदा से राहत एवं बचाव कार्याे को लेकर जिला कार्यालय सभागार में जिला स्तरीय अधिकारियों की समीक्षा बैठक ली। उन्होने एक ओर जहां एसडीआरएफ के अन्तर्गत कराये जा रहे बचाव कार्याे को लेकर जिला प्रशासन की सराहना की वहीं सड़़क,विद्युत,पेयजल,खाद्य् आपूर्ति,विद्युत विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये कि आपदा से प्रभावित अपने-अपने विभाग की परिसंपत्तियों को युद्व स्तर पर कार्य करते हुए दुरुस्त रखें। उपाध्यक्ष उत्तराखंड राज्य आपदा प्रबंधन रुहेला ने जिला स्तरीय अधिकारियों को कहा कि सभी जिला स्तरीय अधिकारी सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर जनहित से जुड़े कार्यों व योजनाओं को उसपर अपडेट करते रहें। उन्होने कहा कि इस प्रक्रिया के माध्यम से एक ओर जहां आम जनमानस व सरकारी मशीनरी के बीच सामंजस्य स्थापित करने में मदद मिलेगी वहीं लोगों की शिकायतों को टेकअप करने व उनके निस्तारण में मदद मिलेगी। चालू मानसून सीजन के दौरान किसी भी आपदा से निपटने के लिए उन्होंने अधिकारियों को अलर्ट मोड पर रहने के साथ-साथ अपने विभागीय संसाधनों यथा मेन पावर व उपकरणों को दुरुस्त रखने को कहा हैं। उन्होने मानसून के दौरान सड़कों के बंद होने की स्थिति में गर्भवती महिलाओं के सुरक्षित प्रसव को लेकर स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को व्यवस्थाएं चाक-चौबंद रखने को कहा है। जनपद क्षेत्रांतर्गत विद्युत विभाग की झूलती तारों व झुके हुए खम्बों को लेकर उन्होने विद्यतु विभाग के अधिकारियों को कहा कि बरसात में नमी के कारण करण्ट लगने की सम्भावनाएं बड़ जाती है,जिस कारण विद्युत विभाग को अपने यात्रिक सेटअप की लगातार जांच परख करते रहने की आवश्यकता है। उन्होने जनपद के नगर निकायों के क्षेत्रांतर्गत बंद नालियों को खुलवानें, नगर के आंतरिक मोटर मार्गाे को गढ्ढा मुक्त करने के साथ-साथ नगरों को स्वच्छ बनाये रखने की बात कही। उन्होने पूर्ति विभाग को गोदामों खाद्य सामग्री का पर्याप्त स्टॉक रखने,पशुपालन विभाग को बरसात के मौसम में पनपने वाली बीमारियों से पशुओं की सुरक्षा हेतु गांवों का भ्रमण कर टीकाकरण की कार्यवाही करने,जल संस्थान को निर्बाध पेयजल आपूर्ति कराते रहना,दूरसंचार विभाग को संचार सेवा क्षेत्र के विस्तार किये जाने को लेकर आवश्यक दिशा-निर्देश दिये हैं। बैठक में जिलाधिकारी डॉ.आशीष चौहान ने जनपद क्षेत्रांतर्गत दैवीय आपदा के अंतर्गत किये जा रहे राहत एवं बचाव कार्यों का प्रस्तुतिकरण करते हुए कहा कि जनपद में कुल 58 भूस्खलन प्रभावित क्षेत्र है। स्वास्थ्य सुविधाओं के तहत 13 प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र,9 सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र,36 विभागीय एम्बुलेंस जबकि 28 एम्बुलेंस 108 के रूप में शामिल है। आपदा के दौरान मोटर मार्गाे को सुचारू रखने के लिए कुल 81 जेसीबी व 2 पोकलेन लोनिवि की देखरेख में तैनात है। यातायात को सुरक्षित बनाने के लिए लोनिवि द्वारा 534 किमी.लम्बे लोनिवि के मोटर मार्गाे पर क्रेश बेरियर लगाए जा चुके हैं। बैठक में जिला पंचायत अध्यक्ष शांति देवी,विधायक पौड़ी राजकुमार पोरी,अपर जिलाधिकारी ईला गिरी,जॉइट मजिस्ट्रेट अनामिका,प्रशिक्षु आईएएस दीक्षिका जोशी,एसडीएम श्रीनगर नूपुर वर्मा,अधिशासी अभियन्ता लोनिवि डी.पी.सिंह व दिनेश बिजलवाण,अधिशासी अभियन्ता विद्युत विभाग नंदिता अग्रवाल,जिला पर्यटन अधिकारी प्रकाश खत्री,डीएसओ अरुण कुमार वर्मा सहित जिलाध्यक्ष बीजेपी व अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।