श्रीमद्भागवत कथा के छठवें दिन तुलसी एवं शालिग्राम विवाह का वर्णन
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रंजीत गौतम
हरिद्वार। श्री राधा रसिक बिहारी भागवत परिवार के तत्वाधान में सूर्य धाम वैश्य धर्मशाला भारत माता पुरम,भूपतवाला में श्रीमद्भागवत कथा के षष्टम् दिवस भागवताचार्य पंडित पवन कृष्ण शास्त्री ने तुलसी एवं शालिग्राम भगवान विवाह महोत्सव की कथा का श्रवण कराते हुए बताया कि एक समय शंखचूड़ नामक असुर जिसके अत्याचार से संत मुनि भक्त देवता ऋषि सभी दुखी थे सभी ने भगवान शिव की स्तुति की और भगवान शिव से प्रार्थना की शंखचूड़ का आप संहार करें। भगवान शिव ने कहा शंखचूड़ की पत्नी तुलसी पतिव्रता है जिसके कारण इसको मारना संभव नहीं है। भगवान नारायण ही इसका कुछ उपाय कर सकते हैं। सभी ने भगवान नारायण की स्तुति की। भगवान नारायण ने भगवान शिव से कहा आप शंखचूड़ के साथ युद्ध कीजिए। इधर भगवान शिव एवं शंखचूड़ का युद्ध प्रारंभ हुआ उधर भगवान नारायण शंखचूड़ का ही रूप धारण करके तुलसी के पास पहुंचे। रात्रि विश्राम किया तुलसी का पति व्रत भंग हुआ और भगवान शिव के द्वारा शंखचूड़ का वध हुआ। तुलसी को जब इस बात का पता चला तो तुलसी ने भगवान नारायण को श्राप दिया कि आप पाषाण बन जाओ,पत्थर बन जाओ। भगवान नारायण ने उस श्राप को स्वीकार करते हुए तुलसी को वरदान दिया कि तुम्हारे जो केश हैं,वह तुलसी के पौधे के रूप में एवं तुम्हारा जो शरीर है,वह गंडकी नदी के रूप में प्रणीत होगा और तुम्हारे श्राप के अनुसार मैं शालिग्राम के रूप में गंडकी नदी में हमेशा निवास करूंगा और बिना तुलसी दल के कुछ भी स्वीकार नहीं करूंगा। जो आज के दिन तुलसी एवं शालिग्राम का विवाह महोत्सव धूमधाम के साथ मनाएगा उसको अश्वमेध यज्ञ का फल प्रदान करूंगा।
शास्त्री जी ने बताया तभी से देव उठानी एकादशी के पावन अवसर पर भक्त धूमधाम के साथ तुलसी एवं शालिग्राम जी का विवाह महोत्सव मनाते हैं। वसंत विहार कॉलोनी में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के पावन अवसर पर सभी भक्तों ने तुलसी एवं शालिग्राम भगवान का विवाह महोत्सव मनाया और भगवान से प्रार्थना की कि सभी के घरों में सुख समृद्धि धनधान्य आरोग्य की वृद्धि हो। षष्टम् दिवस की कथा में सभी भक्तों ने मिलकर देवी रुक्मणी एवं द्वारकाधीश का विवाह महोत्सव भी धूमधाम के साथ मनाया।
इस अवसर पर मुख्य यजमान राम देवी गुप्ता, राम कुमर गुप्ता,रजनी कुरेले, राजीव कुरेले, रागनी गुप्ता, दीपक गुप्ता, नेहा गुप्ता, सुधीर गुप्ता, कल्पना गुप्ता, अजय गुप्ता, निम्मी गुप्ता,विजय गुप्ता,पुष्पा देवी कुरेले,अशोक कुरेले,शालिग्राम गुप्ता,राम कुमारी गुप्ता,संजीव कुमार गुप्ता,अंकिता गुप्ता,हरि मोहन बडोनिया,गीता बडोनिया,मुकुंदी लाल गुप्ता,मुनि देवी गुप्ता,धर्मेंद्र गुप्ता,गायत्री गुप्ता,सुरेंद्र बल्यिया,सुनीता बल्यिया, पंडित प्रकाश चंद्र जोशी, पंडित मनोज कोठियाल आदि ने भागवत पूजन संपन्न किया।