प्रतियोगिता में भागीदारी से बढ़ता है आत्म विश्वास ः शैफाली पण्ड्या
प्रतियोगिता में भागीदारी से बढ़ता है आत्म विश्वास ः शैफाली पण्ड्या
राज्य स्तरीय योग प्रतियोगिता में हरिद्वार का परचम
गायत्री विद्यापीठ में आयोजित प्रतियोगिता में देवभूमि के दस जिलों के विद्यार्थी रहे शामिल
सबसे तेज प्रधान टाइम्स
सचिन शर्मा/शिव प्रकाश शिव
हरिद्वार ।गायत्री विद्यापीठ में दो दिवसीय राज्य स्तरीय प्रतियोगिता का आज समापन हो गया। प्रतियोगिता में देवभूमि उत्तराखण्ड के हरिद्वार, देहरादून सहित दस जनपद के 350 योग प्रशिक्षु विद्यार्थियों ने प्रतिभाग किया। इस दौरान अंडर-14, अंडर-17 और अंडर-19 आयु वर्ग के बालक, बालिकाओं ने योग के विभिन्न आसनों का प्रदर्शन किया। प्रतियोगिता में अंडर-14 आयु वर्ग बालक वर्ग के सामूहिक प्रतियोगिता में हरिद्वार को प्रथम, देहरादून को द्वितीय तथा नैनीताल को तृतीय स्थान मिला। बालिका वर्ग में नैनीताल प्रथम, हरिद्वार द्वितीय तथा टिहरी गढ़वाल तृतीय स्थान पर रहे। अंडर-17 में हरिद्वार को पहला तथा नैनीताल को दूसरा तथा ऊधमसिंह नगर को तीसरा स्थान मिला। तो वहीं अंडर-19 आयु वर्ग में हरिद्वार को प्रथम, देहरादून को द्वितीय तथा नैनीताल को तृतीय घोषित किया। प्रतियोगिता में ओवर ऑल चैम्पियनशिप में हरिद्वार जनपद को प्रथम, टिहरी को द्वितीय व नैनीताल को तृतीय स्थान मिला। साथ ही रिद्मिक, व आर्टिस्टिक योग में विद्यार्थियों ने जबरदस्त कौशल दिखाया। विजयी छात्र-छात्राएँ आगामी दिसंबर में दिल्ली में होने वाली राष्ट्रीय योग प्रतियोगिता में देवभूमि उत्तराखण्ड का प्रतिनिधित्व करेंगी। विद्यार्थियों को गायत्री विद्यापीठ के अभिभावकद्वय श्रद्धेय डॉ प्रणव पण्ड्या एवं श्रद्धेया शैलदीदी ने अपनी शुभकामनाएँ दीं।
समापन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि शांतिकुंज व्यवस्थापक श्री योगेन्द्र गिरी ने कहा कि योग शरीर को सुदृढ़ बनाने का अभ्यास का नाम है। योग से अनेक प्रकार की सफलताएँ भी पाई जा सकती हैं।
इससे पूर्व गायत्री विद्यापीठ शांतिकुंज के व्यवस्था मण्डल की प्रमुख श्रीमती शैफाली पण्ड्या ने कहा कि प्रतियोगिता हमें जीवन में अपना लक्ष्य निर्धारित करने में सहायता करती है। जीवन में हमें कभी भी प्रतियोगिता से पीछे नहीं भागना चाहिए। प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग करने से आत्म विश्वास बढ़ता है।
मुख्य शिक्षाधिकारी हरिद्वार श्री कमलेश कुमार गुप्ता, गायत्री विद्यापीठ के प्रधानाचार्य श्री सीताराम सिन्हा आदि ने भी प्रतिभागियों का मार्गदर्शन किया।