महर्षि दयानंद की 200वीं जयंती पर गुरुकुल विवि में राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन
मनन ढींगरा
हरिद्वार। गुरुकुल कांगड़ी (समविश्वविद्यालय) में महर्षि दयानंद सरस्वती जी की 200वीं जयंती पर प्रज्ञा प्रवाह, देवभूमि विज्ञान समिति और स्वयं सेवी संस्था, गुहार के द्वारा दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। आयोजित राष्ट्रीय संगोष्ठी का मुख्य विषय "आर्ष भारत पुनर्निर्माण के नायक महर्षि दयानंद सरस्वती एवं वैदिक विज्ञान" था। इस संगोष्ठी का प्रारम्भ गुरुकुल कांगड़ी विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर हेमलता के, जे. नंदकुमार (संयोजक प्रज्ञा प्रवाह), पद्मश्री संतोष यादव (भारतीय पर्वतारोही), प्रो. ब्रह्मदेव और डॉ. अंजलि गोयल (रसायन विज्ञान विभाग की प्रमुख) के द्वारा दीप प्रज्वलन और कुलगीत के उच्चारण के साथ हुआ। कुलपति प्रो हेमलता के. ने अपने भाषण के साथ छात्रों का मार्गदर्शन किया। इसके साथ ही पद्म श्री संतोष यादव के द्वारा अपने कुछ अनुभव याद किये गये, जैसे कि आधुनिक वस्त्र, रहन सहन आदि चीज हमारी भारतीय संस्कृति को प्रभावित कर रही है, कैसे हम भारतीय अपनी संस्कृति भूल कर आधुनिक बनने की तरफ अग्रसर हो रहे हैं।
जे. नंदकुमार द्वारा लिखी पुस्तक "अमृत काल में आर्ष भारत का पुनरुद्धार: महर्षि दयानंद सरस्वती" का विमोचन सभी अतिथिगण एवं इस संगोष्ठी के संयोजक डॉ. रविंदर कुमार (रसायन विज्ञान,गुरुकुल कांगड़ी) और सह संयोजक डॉ. दीपक कुमार (अध्यक्ष, गुहार), शिक्षकगण, शोध छात्र एवं छात्रों की उपस्थिति में हुआ। पुस्तक के उद्घाटन के बाद सभी छात्रों को महर्षि दयानंद सरस्वती के बारे में जे. नंदकुमार के उत्साहवर्धक विचार सुनने को मिले।
इस संगोष्ठी के तकनीकी सत्र में प्रो. विनोद कुमार (जेएनयू, दिल्ली) ने प्राचीन काल में औषधि में विज्ञान की विशिष्टता के बारे में सभी उपस्थित छात्रों को अवगत कराया। आज गुरुकुल कांगड़ी प्रांगण में आयोजित इस राष्ट्रीय संगोष्ठी में भारत के विभिन्न विश्वविद्यालयों से आये सभी शोध छात्रों ने अपनी प्रस्तुति प्रस्तुत की। संगोष्ठी के शुभ अवसर पर अतिथियों ने अपने-अपने अनुभव के साथ छात्रों का मार्गदर्शन किया कि कैसे हम सब भारतीयों को महर्षि दयानन्द के विचारों पर चलने का प्रयास करना चाहिए एवं अपनी संस्कृति को नहीं भूलना चाहिए।
इस अवसर पर डॉ. अंजलि गोयल, डॉ. रविंदर कुमार, डॉ. प्रशांत तेवतिया, डॉ. लोकेश जोशी, प्रशांत कौशिक, विक्रांत कौशिक, प्रियांश, शालू कौशिक, प्रियांशा भार्गव एवं सभी छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।