संस्कृति स्कूल ने हर्षोल्लास से मनाया अपना 20वां वार्षिकोत्सव
अंशु वर्मा/गीतेश अनेजा
हरिद्वार। रानीपुर मोड़ स्थित संस्कृति स्कूल ने बड़े गर्व और हर्षोल्लास के साथ अपना 20वां वार्षिकोत्सव समारोह दिनांक 28/09/2024 दिन शनिवार को एक होटल में आयोजित किया।
अन्य वर्षों की भांति इस वर्ष वार्षिकोत्सव का विषय रखा गया "आशीष - एक दिव्य ऊर्जा"
संस्कृति स्कूल हरिद्वार का सबसे पुराना और विश्वसनीय प्रीस्कूल है जो बच्चों के चतुर्मुखी विकास को शिक्षा की आधुनिक प्रणाली के साथ बढ़ावा देता है।
समारोह का आरंभ परेड व दीप प्रज्वलन के साथ हुआ। दीप प्रज्वलन मुख्य अतिथि श्री वरुण चौधरी जी व विशिष्ट अतिथि श्रीमती सोनिया गर्ग जी, श्रीमती दिव्या पंजवानी जी, श्री महेश पंजवानी जी, श्रीमती श्वेता सहगल जी, पंजवानी परिवार एवं संस्कृति परिवार की ओर से किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि व विशिष्ट अतिथि ने अपने भाषण में बच्चों का उत्साह वर्धन किया और संस्कृति विद्यालय के अनुशासन एवं कार्यकलापो की प्रशंसा की और सभी बच्चों की गतिविधियों की प्रशंसा करते हुए छोटेछोटे बच्चों का मनोबल बढ़ाया।
कार्यक्रम में बच्चों ने विभिन्न राज्यों के नृत्य जैसे-पंजाबी, राजस्थानी, दक्षिण भारतीय, व मन को लुभाने वाले नृत्य प्रस्तुत किये बच्चों ने नृत्यके माध्यम से उत्तराखंड की संस्कृति और पानी बचाओ अभियान प्रस्तुत किये ।
प्रधानाचार्या श्रीमती श्वेता सहगल जी ने इस भव्य वार्षिक उत्सव में पधारे माननीय मुख्य अतिथि श्रीमती सोनिया गर्ग जी और विशिष्ट अतिथि श्री वरुण चौधरी जी का संस्कृति परिवार की ओर से अभिनंदन किया। जिन बच्चों ने विद्यालय में अनेक गतिविधियों में उत्कृष्ट स्थान हासिल किया है, उनको हार्दिक बधाई दी उन्होंने कहा की संस्कृति स्कूल सदैव बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए प्रयासरत है।
कार्यक्रम के अंत में स्कूल की निर्देशिका श्रीमती दिव्या पंजवानी जी ने बच्चों का उत्साहवर्धन किया और बच्चों को बधाई देते हुए कहा कि विद्यार्थियों को जो तराशने का कार्य अध्यापिकाओं ने किया है उसके लिए सभी अध्यापिकाओं को शुभकामनाएं दी और सभी अतिथियों को धन्यवाद दिया। अंत में राष्ट्रगान के साथ समारोह का समापन किया गया।
इस अवसर पर स्कूल की अध्यापिकाएं ज्योति मैम, ललिता मैम, इशा मैम, मेघा मैम, सोनिया मैम, सीमा मैम, मिताली मैम तनीषा मैम रश्मि मैम इशिका मैम, दुर्गा मैम, अरुणा मैम का समस्त गतिविधियों में एक विशेष योगदान रहा।
संस्कृति विद्यालय के कर्मचारी गोकुल हेमा, चित्रा, ललिता, कविता, दीपा, विमला ने समारोह के संचालन में सहयोग किया।