ग्राम बहादुरपुर जट की रामलीला में ताड़का का अभिनय देखकर सहमे बच्चे
आशु आर्य
हरिद्वार। ग्राम बहादुरपुर जट की रामलीला के तीसरे दिन ताड़का वध का दृश्य दिखाया गया। रामलीला के डायरेक्टर धर्मेंद्र चौहान ने बताया कि पहले दृश्य में दशरथ अपने दरबार में मंत्रियों के साथ विचार विमर्श कर रहे थे। तभी वहां पर ऋषि विश्वामित्र पहुंचते हैं। ऋषि विश्वामित्र ने बताया कि आपके गंगा पार के इलाके में राक्षसों ने तबाही मचा रखी है। वो साधु संन्यासियों को यज्ञ और हवन नहीं करने देते हैं।वो उनके यज्ञ और हवन को नष्ट कर देते हैं। तब उन्होंने हवन और यज्ञ रक्षा के लिए रामचंद्र और लक्ष्मण को उनके साथ भेजने का अनुग्रह किया। राम और लक्ष्मण को साथ लेकर विश्वामित्र जब जंगल में पहुंचते हैं। तो वहा उनका सामना ताड़का से होता है।तड़का का सुभाऊ और मारीच की मां थी ।जो बहुत ही बदकार थी। ताड़का ने रामचंद्र ,लक्ष्मण और विश्वामित्र पर पेड़ों को उखाड़ उखाड़ कर फेंकना शुरू कर दिया। उन्होंने जंगल में उत्पाद मचाया अंत में रामचंद्र ने अपने बाण से ताड़का को मौत की नींद सुला दिया। ताड़का की मौत का समाचार सुनकर सुभाऊ और मारीच सेना लेकर रामचंद्र और लक्ष्मण पर हमला करने के लिए आए।