गुरुकुल कांगड़ी विवि के कंप्यूटर विज्ञान व इंजीनियर विभाग ने आयोजित की कार्यशाला
मनन ढींगरा
हरिद्वार। गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय में कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग विभाग ने उद्योग-स्तर के बैक-एंड अनुप्रयोगों का निर्माण विषय पर कार्यशाला का सफलतापूर्वक उद्घाटन किया। 30 सितंबर से 4 अक्टूबर 2024 तक चलने वाली यह पांच दिवसीय कार्यशाला रिचा फाउंडेशन और आईबीएम के सहयोग से आयोजित की जा रही है। कार्यशाला का उद्देश्य छात्रों को उद्योग-मानक अनुप्रयोगों के लिए मजबूत बैक-एंड सिस्टम बनाने में व्यावहारिक ज्ञान और व्यावहारिक अनुभव से लैस करना है।
कार्यशाला में रीचा फाउंडेशन के विशेषज्ञों की एक टीम शामिल है, जिसमें परितोष बिष्ट, सौरभ सिंह और वासु सेठी शामिल हैं, जो प्रतिभागियों को स्केलेबल और सुरक्षित बैक-एंड सिस्टम के डिजाइन और विकास की जटिलताओं के बारे में मार्गदर्शन करेंगे। उनका व्यापक उद्योग अनुभव और आईबीएम के साथ सहयोग छात्रों के लिए एक अनूठा सीखने का अवसर प्रदान करता है, जो सॉफ्टवेयर विकास में वास्तविक दुनिया के अभ्यासों में अंतर्दृष्टि प्राप्त करेंगे।
गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय की कुलपति प्रो. हेमलता के. पर अपने विचार साझा किए, और उद्योग जगत के नेताओं के साथ सहयोग करने की विभाग की पहल पर गर्व व्यक्त किया। उन्होंने छात्रों से प्रेरित रहने और अपनी तकनीकी विशेषज्ञता का विस्तार जारी रखने का आग्रह किया।
गुरुकुल कांगड़ी समविश्वविद्यालय के कुलसचिव प्रो. सुनील कुमार ने इस तरह की दूरदर्शी कार्यशाला आयोजित करने के लिए कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग विभाग को बधाई दी। उन्होंने विभाग के प्रयासों की सराहना करता हूँ और प्रतिभागियों को उनकी सीखने की यात्रा में सफलता की कामना करता हूँ।
कार्यशाला का उद्घाटन कंप्यूटर विज्ञान और इंजीनियरिंग विभाग के प्रमुख डॉ. मयंक अग्रवाल ने किया। उन्होंने रिचा फाउंडेशन और आईबीएम के विशेषज्ञों को उनके सहयोग के लिए धन्यवाद दिया और छात्रों को अपने सीखने के अनुभव को अधिकतम करने के लिए सत्रों में सक्रिय रूप से शामिल होने के लिए प्रोत्साहित किया।
कार्यशाला का समन्वय नमित खंडूजा द्वारा किया जा रहा है, जिन्होंने कार्यक्रम के आयोजन और इसके सुचारू निष्पादन को सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। डॉ. सुयश भारद्वाज ने विशेषज्ञ पैनल, रीचा फाउंडेशन, आईबीएम और कार्यक्रम को सफल बनाने में शामिल सभी संकाय सदस्यों के प्रति आभार व्यक्त करते हुए धन्यवाद ज्ञापन प्रस्तुत किया। उन्होंने भाग लेने वाले छात्रों की भी सराहना की और उन्हें सत्रों से यथासंभव सीखने के लिए प्रेरित किया।
इंजीनियरिंग और प्रौद्योगिकी संकाय के डीन प्रो. विपुल शर्मा ने कार्यशाला के लिए अपनी शुभकामनाएं दीं| डॉ. निशांत कुमार ने छात्रों को कार्यशाला की महत्ता बताते हुए छात्रों का उत्साह वर्धन किया| कार्यशाला में लगभग १०० छात्रों ने प्रतिभाग किया| कार्यक्रम में शशांक शर्मा, अभिशांत, कुलदीप, मुकेश और डॉ. अमन त्यागी शामिल थे, जिन्होंने कार्यशाला के आयोजन में सक्रिय रूप से सहयोग किया और पूरे कार्यक्रम में विभिन्न क्षमताओं में सहायता करेंगे।