गांधी जयंती पर बीएसएम डिग्री कॉलेज में नशा मुक्ति कार्यक्रम का आयोजन
अंशु वर्मा/गीतेश अनेजा
रुड़की। 2 अक्टूबर, दिन बुधवार को बी .एस.एम.(पी.जी) कॉलेज में एंटी ड्रग सेल समिति के द्वारा एक नशा मुक्ति कार्यक्रम का आयोजन किया गया। सर्वप्रथम भारत के राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी और पूर्व प्रधानमंत्री श्री लाल बहादुर शास्त्री जी की जयंती पर दोनों महापुरुषों को स्मरण कर उनके बताएं मार्ग पर चलने का संकल्प किया गया।
इस अवसर पर महाविद्यालय के राजनीति विज्ञान विभाग की डॉ.शिखा जैन ने छात्र-छात्राओं को संबोधित किया और बताया कि भारत में नशीली दावओ के खिलाफ जागरूकता फैलाने के लिए हर साल 2 अक्टूबर को राष्ट्रीय नशा मुक्ति दिवस मनाया जाता है। यह दिन गांधी जयंती के साथ ही पड़ता है क्योंकि महात्मा गांधी जी ने नशीली दवाओं के इस्तेमाल की निंदा की थी ।महात्मा गांधी हमेशा से नशा के खिलाफ रहे , उन्होंने सादा जीवन और उच्च विचारों को अपने जीवन में अपना कर लोगों को अहिंसा का संदेश दिया । हमारा कर्तव्य है कि हम गांधी जी के पदचिह्नो पर चलकर समाज को नई दिशा में लेकर जाएं।इसके लिए नशा को हमेशा के लिए त्यागना होगा।
इस अवसर पर महाविद्यालय के चीफ प्रॉक्टर डॉ. रीमा सिन्हा ने कहा की नशे की लत से जुड़े कलंक के लिए जागरूकता एक शक्तिशाली उपाय है। नशे की लत उम्र, लिंग , नस्ल या जाति पता के आधार पर भेदभाव नहीं करती है,इसीलिए हर किसी को इस समस्या के बारे में शिक्षित होना आवश्यक है। छात्रों को नशे की लत के बारे में शिक्षित करना महत्वपूर्ण है और यह कम उम्र में ही किया जाना चाहिए।
एंटी ड्रग्स सेल समिति की सदस्य डॉ. सुनीता ने कहा है कि शराब पीना एक बड़ा पाप है और जो व्यक्ति को न केवल शारीरिक रूप से बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक रूप से भी नुकसान पहुंचता है ।उन्होंने कहा कि जो व्यक्ति शराब पीता है वह अपने असली लक्षण से भटक सकता है और बुरे मार्ग पर जा सकता है, ऐसे में हमें शराब पीने से बचना चाहिए।
एंटी ड्रग सेल समिति प्रभारी डॉ. अलका तोमर ने छात्र छात्राओ को बताया कि शराब पीने वाला व्यक्ति हिंसक होता हो जाता है और ऐसा व्यक्ति अपने बुजुर्ग को और पूज्य जनों को अपमान भी करता है इसलिए हमें ऐसी चीज से दूर रहना चाहिए। शराब छोड़ना मुश्किल हो सकता है, लेकिन असंभव कुछ भी नहीं है। उन्होंने शराब की हानिकारक प्रभाव बताते हुए कहा कि शराब का सेवन करने से व्यक्ति की सोच और व्यवहार नकारात्मक हो जाता है और यह उसके जीवन को प्रभावित कर सकती है।
इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राध्यापक गण डॉ.संदीप पोसवाल डॉ. इंदु अरोड़ा डॉ. राजेश पालीवाल डॉ. अर्चना त्यागी डॉ.अफजल मंगलोरी डॉ.रचना सैनी डॉ.सविता सैनी डॉ. शालिनी डॉ. संजय अरोड़ा डॉ.भरत अरोड़ा आदि उपस्थित रहे इस कार्य कर्म को सफल बनाने में शादाब , असद ,सीतल, अंकुश , आंसू , साहिल , दीपका, सोनम,अबरार ,काजल , संजय आदि छात्र छत्राओ का योगदान रहा