बहादुरपुर जट की रामलीला में राम वनवास की लीला का मंचनन
आशु आर्य
हरिद्वार। ग्राम बहादुरपुर जट में आयोजित रामलीला मे देर रात राम वनवास का दृश्य दिखाया गया। रामलीला के डायरेक्टर धर्मेंद्र चौहान ने बताया कि राजा दशरथ अपने दरबार में रामचंद्र जी के राजतिलक की घोषणा करते हैं। इस बात को सुनकर दासी मंथरा कैकई के कान भरती है। वह कहती है कि राजा दशरथ राम से ज्यादा प्रेम करते हैं। इसलिए उसे राजा बना रहे हैं। ककैई कोप भवन में चली जाती है। राजा दशरथ उन्हें मनाने के लिए कोप भवन में जाते है। वहां पर केकई उनसे दो वरदान मांग लेती है। पहले वरदान से भरत को राजतिलक और दूसरे से रामचंद्र जी को 14 वर्ष का वनवास। इस बात को सुनकर राजा दशरथ मूर्छित हो जाते हैं। परंतु रानी केकई किसी भी तरह नहीं मानती ।अंत में राजा दशरथ रामचंद्र जी को बुलाकर उसे वन जाने की आज्ञा देते हैं। रामचंद्र जी के साथ उनकी पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण भी वन चले जाते हैं ।दूसरी ओर भरत को उनके नैनिहाल से बुलाने के लिए दूत आता है। दूत बतलाता है कि आपको अयोध्या में बुलाया है। जब भरत अयोध्या में पहुंचते हैं। तो वहां पर वह सुनसान बाजार दिखाए देते हैं। जिससे वह बहुत चिंतित होते हैं वह कैकई के पास पहुंचते हैं।