जनता इंटर कॉलेज कोटद्वार में संस्कृत प्रतियोगिता का शुभारंभ
कुलदीप शर्मा
हरिद्वार। उत्तराखंड संस्कृत अकादमी हरिद्वार के द्वारा आयोजित संस्कृत छात्र प्रतियोगिता का शुभारंभ जनता इंटर कॉलेज मोटाढाक कण्वनगरी कोटद्वार में पधारे डू समथिंग समिति के संरक्षक श्री प्रकाशचंद्र कोठारी एवं गेप्स संस्था के संस्थापक आर बी कंडवाल मनमोहन काला तथा खंड शिक्षा अधिकारी श्री अमित कुमार चंद तथा जनपद सहसंयोजक रमाकांत कुकरेती एवं विशेषता अतिथि के रूप में पीजी कॉलेज कोटद्वार के संस्कृत विभाग अध्यक्ष डॉ अरुणिमा मिश्रा तथा स्थल संयोजक डॉक्टर महावीर सिंह बिष्ट ने दीप प्रज्वालन प्रारंभ कर प्रतियोगिताओं का शुभारंभ किया।
इस अवसर पर खंड शिक्षा अधिकारी महोदय ने कहा की प्रदेश की संस्कृति को आगे बढ़ने का कार्य संस्कृत कर रही है और शिक्षा के क्षेत्र में संस्कृत ही संस्कृति को आगे बढ़ा सकता है हमारे देश की सभ्यता को एकत्रित करने का कार्य संस्कृत ने ही किया है यह हमारे सदियों से संस्कृत भाषा रही है ।
डॉ. अरुणिमा ने कहा कि छात्रों के द्वारा किया जाने वाला कार्यक्रम उनके सर्वांगीण विकास के लिए अत्युतम अवसर है नृत्य के माध्यम से नाटक के माध्यम से गीत के माध्यम से बहुत सारे बच्चे संस्कृत में बोलना सीख रहे हैं इससे हमें भी बहुत कुछ सीखने को मिलता है हम भी अपने जीवन में संस्कृत को जरूर अपनाएं, क्योंकि संस्कृत के बोलने से हमारे उच्चारण करने से मस्तिष्क में नवीन ऊर्जा का संचार होता है।
श्री प्रकाश चंद कोठारी ने कहा कण्वनगरी में संस्कृत सदियों से आज तक लगातार चल रही है कण्वनगरी कोटद्वार नाम करने के लिए उन्होंने शासन प्रशासन से आग्रह किया था और आज कोटद्वार का नाम कण्नगरी कोटद्वार पूर्ण रूप से अभिलेख एवं वैधानिक हो गया है। इसके साथ ही श्रीमती ऋतुतिभूषण खंडूरी महोदय पी. ए. श्री मणिराम शर्मा ने उनके प्रतिनिधि के रूप में कार्यक्रम में शिरकत की और अपने विचार व्यक्त किये।
कार्यक्रम में परमार्थ वैदिक गुरुकुल कण्वाश्रम के छात्रों ने वैदिक मंत्रोच्चार एवं जनता इंटर कॉलेज मटाढाक की बालिकाओं ने वंदना प्रस्तुत किया । डॉ. मनोरथ प्रसाद नौगांई ने मंच संचालन के साथ ही कार्यक्रमों का शुभारंभ करते हुए सर्वप्रथम संस्कृत समूह नृत्य को प्रारंभ करवाया विशेष रूप से इस समय अकादमी की ओर से संस्कृत समूह नृत्य संस्कृत समूह गानं संस्कृत नाटकं संस्कृत आशुभाषणं, संस्कृत वाद विवाद और श्लोक उच्चारण की प्रतियोगिताएं कनिष्ठ वर्ग की पूर्ण रूप से संपन्न रही जिसमें की 12 निर्णय को ने छात्रों के कार्यक्रम को देखा और उचित स्थान प्रदान किया इस कार्यक्रम में बहुत दूर-दूर के छात्र-छात्रों ने प्रतिभाग किया और लगभग ढाई सौ से ऊपर छात्र-छात्राओं की संख्या संस्कृत के जन सैलाब में संस्कृत गुंजाय मान रही खंड संयोजक कुलदीप मैन्दोला ने बताया कि कण्वनगरी में संस्कृत महाकुंभ जैसा आयोजन अकादमी के द्वारा संपन्न करवाया गया है अकादमी ने इस समय प्रत्येक विकास खण्ड में 16वां संस्कृत महोत्सव के रूप में इस आयोजन को प्रारंभ किया है और कक्षा 6 से लेकर के स्नातकोत्तर तक छात्र छात्रों को संस्कृत बोलने का अवसर प्रदान किया है और इसमें अधिकतर विज्ञान विषय के संगीत विषय के वाणिज्य विषय के एवं विभिन्न विषयों के छात्र छात्रों ने प्रतिभाग किया है इससे लगता है कि संस्कृत अभी भी सामाजिक रूप में अभिरुचि की भाषा जरूर है।
अकादमी के संस्कृत छात्र प्रतियोगिता में कनिष्ठ वर्ग में संस्कृतसमूहगान में राजकीय बालिका इंटर कॉलेज दुगड्डा प्रथम एवं राजकीय कन्या इंटर कॉलेज कोटद्वार तृतीय स्थान पर रहा । संस्कृत समूह नृत्य में टीसीजी पब्लिक स्कूल सिंभलचौड प्रथम स्थान पर रहा एवं महर्षि विद्या निकेतन कण्वघाटी द्वितीय स्थान पर रहा तथा राजकीय कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय लालपुर तृतीय स्थान पर रहा। संस्कृत आशुभाषण प्रतियोगिता में कनिष्ठ वर्ग में प्रथम स्थान पर रहा राजकीय इंटर कालेज द्वितीय स्थान पर रहा एवं राजकीय उच्चतर प्राथमिक विद्यालय सिम्बलचौड तृतीय स्थान पर रहा । संस्कृत वाद विवाद प्रतियोगिता में डी ए वी पब्लिक स्कूल कोटद्वार द्वितीय स्थान पर एवं अटल उत्कृष्ट राजकीय इंटर कॉलेज कण्वघाटी तृतीय स्थान पर रहा । श्लोक उच्चारण प्रतियोगिता में स्कूल प्रथम स्थान पर रहा परमार्थ वैदिक वैदिक गुरुकुल कण्वाश्रम द्वितीय एवं महर्षि कण्व विद्या निकेतन तृतीय स्थान पर रहा।