माता सावित्रीबाई फुले राष्ट्रीय शिक्षा मिशन संस्था ने पुण्यतिथि पर माता सावित्रीबाई फुले को दी श्रद्धांजलि
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आसिफ अली
हरिद्वार। माता सावित्रीबाई फुले राष्ट्रीय शिक्षा मिशन संस्था की राष्ट्रीय अध्यक्ष महिला मोर्चा अनुराधा सैनी ने रुड़की देहरादून अलग अलग जगह जाकर माता सावित्रीबाई फूले की पुण्य तिथि मनाई राष्ट्रीय अध्यक्ष ने माता सावित्रीबाई फूले की प्रतिमा के सामने दीप प्रजलित कर ओर फूल चढ़ा कर चरणों में नमन करते हुवे माता सावित्रीबाई फूले के जीवन पर प्रकाश डालते हुवे बताया के सावित्रीबाई फुले भारत की पहली महिला शिक्षिका थीं. वे एक महान समाजसेविका और भारतीय नारीवाद की जननी थीं. उन्होंने महिलाओं और समाज के वंचित वर्ग के लोगों को शिक्षा देने के लिए अहम योगदान दिया.
सावित्रीबाई फुले का जन्म 3 जनवरी, 1831 को महाराष्ट्र के सतारा ज़िले के नायगांव में हुआ था.
उनके पिता का नाम खन्दो नैवेसे और माता का नाम लक्ष्मीबाई था.
सावित्रीबाई का विवाह 1841 में महात्मा ज्योतिराव फुले से हुआ था.
उन्होंने अपने पति ज्योतिराव फुले के साथ मिलकर 18 स्कूल खोले थे.
उन्होंने बाल विवाह के ख़िलाफ़ अभियान चलाया था.
उन्होंने विधवा पुनर्विवाह की वकालत की थी.
उन्होंने महिला अधिकारों से जुड़े मुद्दों पर जागरूकता फैलाने के लिए महिला सेवा मंडल की स्थापना की थी।
उन्होंने छुआ-छूत, अस्पृश्यता के कारण सामाजिक रूप से पिछड़ी महिलाओं का जीवन स्तर सुधारने के लिए काम किया।
सावित्रीबाई फुले का निधन 10 मार्च, 1897 को बुबोनिक प्लेग से हो गया था श्रद्धांजलि सभा में मुख्य रूप से रहे संगीता,सुनीता सैनी,रेखा सैनी,मधुबाला,सरोज, अनीता, भारती, कमलेश,ललिता, आदी काफी संख्या में महिलाएं मौजूद रही।