स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की यशोगाथा जन जन तक पहुंचाएंगे - जितेन्द्र रघुवंशी
सचिन शर्मा
दिल्ली। कृष्ण मेनन आडिटोरियम, भगवान दास रोड, सुप्रीम कोर्ट के सामने, नई दिल्ली में स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी परिवार समिति के संरक्षक, नेताजी सुभाष चंद्र बोस के सहयोगी रहे महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी ले. आर माधवन पिल्लई जी को उनके सौवें जन्मदिन पर श्री मंगू सिंह एवं विजय तोमर द्वारा मानवाधिकार सुरक्षा संगठन भारत सरकार के संयोजन तथा सुरेश चन्द्र सुयाल के संचालन में देश के कोने कोने से आए स्वतंत्रता सेनानी शहीद परिवारों के द्वारा सम्मानित किया गया। इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में संगठन के प्रत्येक राज्य के पराक्रमी स्वतंत्रता सेनानी शहीद परिवारों के भाई बहन अपने सहयोगियों के साथ शामिल हुए।
सर्वप्रथम संगठन के अध्यक्ष देशबन्धु, महासचिव जितेन्द्र रघुवंशी, उपाध्यक्ष द्विजेन्द्र मोहन शर्मा तथा संगठन सचिव कपूर सिंह दलाल ने पुष्पमाला पहनाकर, स्मृति चिन्ह एवं अंग वस्त्र देकर महामृत्युंजय मंत्र के साथ सम्मानित किया और दीर्घायुष्य की कामना की। महाराष्ट्र से पधारे स्वतंत्रता संग्राम सेनानी श्री पाण्डुरंग गणपत सिंदे तथा हिमाचल की वीरांगना श्रीमती प्रेम देवी ने भी माला पहनाकर सम्मानित किया। सम्मान से अभिभूत ले आर माधवन ने सर्वप्रथम अपने सम्बोधन में आशीर्वाद देते हुए कहा कि आजादी के लिए जिस तरह हमने संघर्ष किया है, उसी तरह स्वतंत्रता सेनानी शहीद परिवारों के जो भी बच्चे बच्चियाँ यहाँ आए हैं उन्हें हमारे स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी परिवार समिति के साथ मिलकर अपने अधिकारों के लिए एकजुट होकर लड़ाई लड़ना चाहिए।
इस अवसर पर समारोह में स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी परिवार समिति के राष्ट्रीय महासचिव जितेन्द्र रघुवंशी ने आगन्तुकों को सम्बोधित करते हुए कहा कि जिन रणबांकुरे स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के पराक्रम से यह देश अंग्रेजों की दासता से मुक्त हुआ है, उनकी यशोगाथा हम जन जन तक पहुंचाएंगे। रघुवंशी ने कहा कि इसके लिए स्वतंत्रता सेनानी उत्तराधिकारी परिवार समिति द्वारा *हर माह प्रथम रविवार 10 बजे 10 मिनट स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों शहीदों के नाम* अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें देशभर में पराक्रमी सेनानी शहीद परिवार ठीक 10 बजे स्वतंत्रता सेनानी स्मारकों या शहीद स्थलों पर एकत्रित होकर ध्वजारोहण, राष्ट्रगीत का गायन करने के बाद किसी एक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी या शहीद की जीवन गाथा सुनाते हैं। इससे नई पीढ़ी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के कर्तृत्व से देशभक्ति से सराबोर होती है। रघुवंशी ने माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा "स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के सपनों का भारत बनाएंगे" की घोषणा का उल्लेख करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री जी अध्यात्म के संवाहक भी हैं, अतः उन्होंने रामचरितमानस में अवश्य पढ़ा होगा, "जासु राज प्रिय प्रजा दुखारी, सो नृप अवस नरक अधिकारी" इसीलिए देश के हर वर्ग के दुखों को दूर करने के लिए विभिन्न योजनाएं चला रहे हैं, किंतु शायद प्रधानमंत्री जी का ध्यान स्वतंत्रता सेनानी शहीद परिवारों की ओर अब तक नहीं गया है, जिन परिवारों के पुरुषार्थ से देश आजाद हुआ, उनकी आवाज को अनसुनी कर देना दुर्भाग्यपूर्ण है। हम सरकार को उसके दायित्व का निर्वहन करने के लिए ही अधिकार पत्र देते हैं। स्वतंत्रता सेनानी शहीद परिवार भीख मांगने वालों में से नहीं हैं, देशभक्ति से सराबोर सेनानी शहीद परिवार किसी राजनीतिक पार्टी के भी बंधुआ नहीं हैं, उनके लिए देशहित प्रथम है, किन्तु सरकारों की उपेक्षा से आहत ये परिवार संगठित रूप से अपनी शक्ति का एहसास दिलाने के लिए संकल्पित हो रहे हैं।
संगठन के अध्यक्ष देशबन्धु ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आर माधवन को वर्तमान समय में प्रेरणास्रोत बतलाते हुए कहा कि हमारा यह संकल्प होना चाहिए कि अपनी एकजुटता का उपहार माधवन साहब को समर्पित करके स्वतंत्रता सेनानी शहीद परिवार अपने अधिकारों को प्राप्त करें। उपाध्यक्ष द्विजेन्द्र मोहन शर्मा ने असम सरकार द्वारा स्वतंत्रता सेनानी शहीद परिवारों को मिल रहे सम्मान और सुविधाओं की चर्चा करते हुए बताया कि यह सब इसलिए संभव हुआ है क्योंकि हमारे यहाँ एक ही संगठन की छत्रछाया में सभी सेनानी परिवार सरकार के साथ कदम से कदम मिलाकर चलते हैं।
सम्मान समारोह में कपूर सिंह दलाल, अलका चौहान, पूर्व विधायक शशि शर्मा, परमजीत सिंह टिवाना, महन्थ प्रजापति, रामचंद्र पिल्ले, कमल अग्रवाल, अजीत सिंह, अरुण प्रताप सिंह, डॉ.राजा भइया मिश्रा, डॉ.शूलपाणी सिंह, सुन्दर विमल नाथन, सुरेश चंद्र बबेले, डॉ महादेव वाजपेयी, अशोक पाण्डेय, विजय तोमर, मंगू सिंह, रवि दत्त राय, मंगल सिंह, गुरविन्दर पाल सिंह, अनुराग सिंह, आदित्य गहलौत, चन्द्र प्रकाश मगन, शिवकुमार राणा, सतीश कुमार शर्मा, गिरधर सिंह बिष्ट, अवधेश सिंह, श्रीमती सुदेश तोमर, श्रीमती राजकुमारी सैनी ने भी अपने अपने उद्गार व्यक्त करते हुए महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी आर माधवन जी को सम्मानित किया।