संस्कृत में बोलते हुए संपन्न हुआ कण्वनगरी में आयोजित प्रबोधन वर्ग
कुलदीप शर्मा
डा.अरुण ध्यानी ने गिरीश तिवारी को संस्कृत हेतु किया सम्मानित
कोटद्वार। संस्कृत भारती उत्तरांचल के द्वारा इस वर्ष का प्रबोधन वर्ग कोटद्वार में आयोजित किया गया । दिनांक 5 जून से सरस्वती विद्या मंदिर जानकी नगर में उत्तराखंड के विभिन्न स्थानों से आए हुए 60 शिक्षक व प्रतिभागियों ने संभाषण का वातावरण बनाकर स्वयं तथा जन-जन को संस्कृत सीखने का संदेश दिया। वर्ग में संस्कृत के अतिरिक्त विभिन्न विषयों के प्रतिभागियों में अभियंता, शिक्षक, शिक्षिका, विद्युत कर्मी, सेवा निवृत्त, योग उपाधि के कई लोगों ने भी इस वर्ग में संस्कृत में बोलने के कौशल को सीखा। दिनांक12 को शाम 6.30 बजे प्रबोधन वर्ग का सम्पूर्ति समारोह आयोजित किया गया जिसमें कण्वनगरी के गणमान्य लोगों ने शिरकत की ।
प्रान्तमन्त्री गिरीशतिवारी ने कहा कि सन्1981 से संस्कृतसम्भाषण का आन्दोलन आज तक 26 देशों में दश करोड लोगों में संस्कृत बुलवाने का कार्य कर चुकी है 1996 से उत्तराखण्ड में संस्कृत का प्रचार प्रसार जारी है तथा आज कोटद्वार में प्रथमबार वर्ग के रूप में संस्कृत भारती वर्ग के रुप में संस्कृत में बुलवाने का कार्य कर रहीं है।
मुख्य अतिथि के रूप में शैलेंद्र बिष्ट ने कहा कि कोटद्वार में मालिनी,कण्व और भरत का इतिहास संस्कृत सम्बन्धी रहा है अतः कण्वनगरी कोटद्वार का यह सौभाग्य है कि संस्कृत जैसी भाषा को आज भी समाज के बीच बोलने के रूप में हम देख पा रहे हैं ।
विशिष्ट अतिथि गब्बर सिंह बिष्ट ने कहा कि संस्कृत हमारे भारत की पहचान है भारत को समझने में बड़ा योगदान है।
15 वर्ष से निरंतर संस्कृत की सेवा करते हुए संस्कृत भारती की प्रात अध्यक्षता श्रीमती जानकी त्रिपाठी ने कहा की आज भी संस्कृत से ही सभी भाषाएं संपोषित हो रही है एकमात्र संस्कृत ही एक भारत की प्राचीन से लेकर आज तक की भाषा है जो विश्व तक फैली हुई है । हमें अपने दैनिक जीवन में संस्कृत को अपनाना चाहिए और संस्कृत में बोलना क्योंकि वह सभी को अपनी संस्कृति से परिचित कराते हुए संस्कारों को भी प्रदान करती है । उन्होंने नये कार्यकर्ताओं की भी घोषणा की जिसमें रा.इ.का. कण्वघाटी के प्रधानाचार्य श्री रमाकांत कुकरेती महोदय को कोटद्वार नगर अध्यक्ष एवं सिद्धार्थ नैथानी को नगरमंत्री, इतेन्द्र नैथानी को कोटद्वार नगर संपर्क प्रमुख तथा श्रीमती सन्तोषडोभाल को कोटद्वार नगर महिला प्रमुख तथा स्वाति कण्डवाल को महाविद्यालय संपर्क प्रमुख बनाया गया। श्री किशोर बिडालिया कोटद्वार के नगर शिक्षण प्रमुख तो वहीं डा.अर्पणा रावत को नगर महिला सम्पर्क प्रमुख बनाया गया।
इस दौरान उत्तराखंड के भाषा संस्थान से सेवानिवृत डॉ अरुण मोहन ध्यानी ने प्रतिवर्ष की भांति इस बार भी संस्कृत में कार्य करने वाले लोगों का सम्मान किया उन्होंने साल, स्मृति चिन्ह, तथा सम्मान पत्र से शिक्षा विभाग के शिक्षक व संस्कृत भारती के प्रांत मंत्री श्री गिरीश तिवारी को संस्कृत के विशेष उपलब्धियां के लिए सम्मानित भी किया साथ ही कवि रोशनबलूनी ने भी छन्दप्रसून पुस्तक प्रदान कर तिवारी जी को सम्मानित किया। उन्होंने संस्कृत में संदेश दिया कि संस्कृत भारती संभाषण के रूप में आज घर-घर तक पहुंच रही है इसके लिए सभी कार्यकर्ता धन्यवाद के पात्र हैं। इस बार कण्वनगरी में अद्भुत रहा छात्रों का वर्ग का अनुभव जिसको छात्रों ने संस्कृत में बताया सबको। कुलदीपमैन्दोला ने वर्ग का वृत्तांत सबको बताया कि उत्तराखण्ड के विभिन्न जनपदों से अंग्रेजी, वाणिज्य, मेडिकल, अभियन्ता, शिक्षक, विद्युतकर्मी, बच्चे बुजुर्ग आदि प्रतिभागियों ने संस्कृत में ही सप्ताह तक सुबह से शाम तक सम्भाषण किया। कार्यक्रम का संचालन श्री रोशन गौड ने किया।पौडीविभागसंयोजक पंकजध्यानी ने सभी का धन्यवाद ज्ञापन किया।
कार्यक्रम में प्रांत संगठन मंत्री गौरव शास्त्री , विष्णु अग्रवाल, रोशन बलूनी, इतेन्द्र नैथानी, सिद्धार्थ नैथानी, सतीश देवरानी, पवन जी, श्री अरुण मिश्रा, श्री दीपक कोठारी, प्रधानाचार्य मनोज कुमार कुकरेती कोटद्वार के कई गणमान्य पार्षद नीरुबाला खन्तवाल, रंजना रावत सामाजिक प्रतिष्ठित विद्वान आदि उपस्थित रहे।