मुख्यमंत्री से मिल कर गढ़भोज दिवस को राजकीय मान्यता देने का किया अनुरोध
मुख्यमंत्री से मिल कर गढ़भोज दिवस को राजकीय मान्यता देने का किया अनुरोध
सबसे तेज प्रधान टाइम्स गबर सिंह भण्डारी श्रीनगर गढ़वाल। गढ़भोज दिवस के सफल आयोजन के बाद आज गढ़भोज अभियान के प्रणेता द्वारिका प्रसाद सेमवाल एवं देहरादून आयोजन के संयोजक डॉ.अरविंद दरमोडा ने मुख्यमंत्री से मुलाकात कर सबसे पहले मुख्यमंत्री की गढ़भोज दिवस पर जारी वीडियो संदेश के लिए धन्यवाद दिया और गढ़भोज दिवस की प्रगति पर चर्चा की। इसके साथ ही मुख्यमंत्री से गढ़भोज दिवस को लेकर कैबिनेट में प्रस्ताव पास कर गढ़भोज दिवस 7 अक्टुबर को राजकीय दिवस घोषित करने का अनुरोध किया। साथ ही सरकार द्वारा छापे जाने वाले वार्षिक कैलेंडर में उत्तराखंड के परंपरागत भोजन श्रृंखला की जानकारी प्रसारित की जाए। इस प्रस्ताव मुख्यमंत्री जी ने आश्वासन दिया की इसको विस्तार देने के लिए प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने गढ़ भोज दिवस को गांव से राष्टीय एवं अंतर्राष्ट्रीय स्तर मनाने के लिए जाड़ी संस्थान की शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि गढ़ भोज दिवस उत्तराखंड की भोजन संस्कृति को दुनिया के सामने प्रस्तुत करने का सफल मंच है। साथ ही कैबिनेट मंत्री डॉ.धन सिंह रावत जी को मुलाकात कर स्कूलों,कॉलेजों में आवश्यक रूप से गढ़ भोज दिवस मनवाने के लिए किए गए सहयोग के लिए धन्यवाद दिया। गढ़ भोज दिवस को राजकीय दिवस घोषित करने के लिए सहयोग के लिए अनुरोध किया। डॉ.अरविंद दरमोडा ने बताया की गढ़भोज दिवस को इस बार 16 हजार स्थानों पर मनाया गया जिसमे प्राथमिक,जूनियर,हाईस्कूल एवं इंटर मिडियेट कालेज,महाविद्यालयों,डिग्री कॉलेज,मेडिकल कॉलेज,विश्वविद्यालय,ग्राम पंचायत स्तर पर स्वयं सहायता समूहों,देश के विभिन्न राज्यों चंडीगढ़,पंजाब,हिमाचल,मुंबई,दिल्ली एवं गुजरात में प्रवासियों द्वारा गढ़ भोज दिवस मनाया गया। साथ ही विदेशो में अमेरिका, नीदरलैंड,न्यूजीलैंड,फिनलैंड,जर्मन में रहने वाले प्रवासियों के द्वारा गढ़ भोज दिवस मनाया गया। विदेशो में शेफ टीका राम पंवार के नेतृत्व में गढ़ भोज दिवस मनाया गया। इस बार छात्रों के द्वारा सैकड़ों स्थानों पर सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गए। सबसे अच्छी बात ये रही कि उत्तराखंड के मैदानी क्षेत्र के स्कूलों कॉलेजों में गढ़भोज की प्रदर्शनी आकर्षण का केंद्र रहा वहा पर गढ़भोज बनाने के लिए भडू का उपयोग किया गया। इस वर्ष गढ़ भोज दिवस का विषय गढ़ भोज से निरोगी काया रखा गया था।