पारंपरिक हिमालयी चिकित्सा प्रणाली की उभरती प्रासंगिकता विषय पर संगोष्ठी का आयोजन,
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विजय कुमार शर्मा
डोईवाला। हिमालयीय विश्वविद्यालय डोईवाला देहरादून में पारंपरिक हिमालयी चिकित्सा प्रणाली की उभरती प्रासंगिकता विषय पर गोविंद बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालयन पर्यावरण संस्थान कोसी अल्मोड़ा एवं हिमालयीय विश्वविद्यालय देहरादून के संयुक्त तत्वाधान में दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठि का आयोजन किया।
पारंपरिक हिमालयी चिकित्सा प्रणाली की उभरती प्रासंगिकता विषय पर हिमालयीय विश्वविद्यालय देहरादून एवं गोविंद बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालयन पर्यावरण संस्थान कोसी अल्मोड़ा के संयुक्त तत्वाधान में दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी में उत्तराखंड एवं अन्य राज्यों से लगभग 170 प्रतिभागियों ने अपने पत्र प्रस्तुत किया संगोष्ठी के उद्घाटन में उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय की कुलपति प्रोफेसर अरुण कुमार त्रिपाठी, विश्वविद्यालय कुलाधिपति प्रोफेसर प्रदीप कुमार भारद्वाज, कुलपति प्रोफेसर काशीनाथ जीना, प्रोफेसर विनोद प्रकाश उपाध्याय गोविंद बल्लभ पंत सीनियर वैज्ञानिक डॉ. इंद्र दत्त भट्ट, डॉ. आशीष पांडे, अरुण बडोनी, हिमालय आयुर्वैदिक मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य प्रोफेसर अनिल कुमार झा, प्रोफेसर नीरज श्रीवास्तव, डॉ. निशांत राय जैन, उत्तराखंड आयुर्वेद विश्वविद्यालय डॉ. दीपक सेमवाल और उद्घाटन के पश्चात ब्रेनस्टॉर्मिंग सेशन आयोजित हुआ। हिमालयन मेडिसिन सिस्टम पर एवं इसकी प्रासंगिकता पर अपने विचार व्यक्त किए एवं उसमें अधिक से अधिक शोध पर बल दिया। मंच संचालन प्रबंधन विभाग की पूजा धवन एवं प्रथम तकनीकी सत्र का मंच संचालन डॉक्टर शिवानी रावत, संगोष्ठी के समन्वयक डॉ. अनूप बलूनी, सहसमन्वयक हरीश ढोंढ़ियाल, डॉ. एस के श्रीवास्तव, मौसमी जैना डॉ. मनीष अग्रवाल डॉ. निधि उपाध्याय, डॉ. इंदु भारती नवानी सहित सभी विभागों के विभाग अध्यक्ष, मोहित पोखरियाल,राहुल देव, राकेश पोखरेल, हरीश नवानी औ प्रथम दिवस में अपनी सहभागिता देकर सभी आगंतुकों का आभार अभिवादन स्वागत किया।