जीवन जीने की कला सिखाती है श्रीमद्भागवत गीता : आचार्य कुंभाराम
शिव प्रकाश शिव
हरिद्वार। भोपतवाला नंगली बेला आश्रम में चल रही भागवत कथा के दूसरे दिन कथा व्यास आचार्य कुम्भाराम महाराज ने कहा भागवत कथा केवल सुनने का ही नहीं वरन हृदय में आत्मसात कर जीवन जीने की कला सिखाने की कथा है भागवत कथा के श्रवण से मनुष्य के हृदय से मृत्यु का भाव निकल जाता है। तथा जैसे धुंधकारी जैसे दुष्ट व्यक्ति को भागवत कथा सुनने से मोक्ष प्राप्त हो जाता है ।तो हम जैसे साधारण प्राणी पर भगवान कृपा तो कलयुग में मात्र प्रभू भजन श्रवण से ही हो जाती है । कथा के आज आचार्य कुम्भाराम महाराज ने गुरु की महिमा का वर्णन करते हुए कहा । मनुष्य के लिए गुरु का महत्व ऐसे ही है। जैसे भजन और संगीत का है । जैसे भजन संगीत के बिन अधुरा है । वैसे ही जीवन में गुरु की ऊंगली पकड़े बिना मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति नहीं हो सकती । कथा में धरती बेन और घनश्याम भाई के सुंदर भजनों पर भक्तजनों ने जम कर नृत्य कर आंनद उठाया । इस अवसर पर अमरीश भाई व मनीष भाई जलाराम टूर एण्ड ट़ावेर्स द्वारा आयोजित मद्भागवत कथा में हिना बेन , पुर्णाबेन,शारदा बेन,मायाबेन,अंजली बेन,और गुजरात के मोरबी से आते सैकड़ों भक्तों ने भाग लिया।