माता शारदा जाते-जाते दे गई नेत्रदान का संदेश
सचिन शर्मा
ऋषिकेश। 72 वर्ष की अपनी सांसारिक यात्रा समाप्त करने के बाद श्रीमती शारदा देवी का गत दिवस निधन हो गया। धर्मपारायण व दान पुण्य में विश्वास रखने वाली माता जाते-जाते दो नेत्रहीनों को नेत्रदान कर समाज को भी नेत्रदान का संदेश दे गई ।
नेत्रदान कार्यकर्ता व लायंस क्लब ऋषिकेश देव भूमि के सक्रिय सदस्य जितेंद्र आनंद ने बताया कि गत दिवस शिवशंकर तीर्थ यात्रा कंपनी वालों की माता के निधन पर श्रीमती संगीता आनंद उनके निवास पर शोक प्रकट करने पहुंची। निवास पर उन्होंने उनके पुत्र रवि व संजय के साथ-साथ उनकी पुत्रवधू मीनाक्षी व सीता को नेत्रदान के लिए प्रेरित किया। पुत्र वधू ने अपने श्वसुर श्री लक्ष्मी नारायण से सहमति प्राप्त की। स्वीकृति मिलते ही श्री आनंद ने एम्स हॉस्पिटल की नेत्र दान की रेस्क्यू टीम को सूचित किया। टीम ने उनके बंगाली मंदिर मार्ग स्थित निवास पर पहुंचकर दोनों कार्निया सुरक्षित प्राप्त कर लिए । नेत्र दान के इस पुनीत कार्य पर संजय व्यास ,भगवान दास, स अजीत सिंह गोल्डी, अनुराधा साहनी ने परिजनों को साधुवाद दिया ।
नेत्रदान महादान हरिद्वार ऋषिकेश मिशन से जुड़े गोपाल नारंग ने बताया कि यह मिशन का 328 वां सफल प्रयास है जो अविरल चलता रहेगा।