हर्ष विद्या मंदिर पीजी कॉलेज में महिला दिवस पर विचार गोष्ठी का आयोजन
सचिन शर्मा
हरिद्वार। हर्ष विद्या मंदिर पीजी कॉलेज रायसी में महिला उत्पीड़न निषेध समिति द्वारा महिला दिवस के उपलक्ष्य में एक विचार गोष्ठी का आयोजन किया गया। इसके साथ ही छात्र-छात्राओं द्वारा सांस्कृतिक कार्यक्रम भी प्रस्तुत किए गए l महाविद्यालय प्रबंधन समिति के अध्यक्ष डॉ. के.पी.सिंह ने बताया कि खेल जगत से लेकर मनोरंजन जगत तक और राजनीति से लेकर सैन्य व रक्षा मंत्रालय तक में महिलाएं बड़ी भूमिका में है l महिलाओं की भागीदारी को हर क्षेत्र में बढ़ावा देने और महिलाओं को उनके अधिकारों के बारे में जागरूक करने के लिए हर वर्ष अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है l उपाध्यक्ष डॉ प्रभावती ने बताया कि विश्व के विभिन्न क्षेत्रों में महिलाओं के प्रति सम्मान,प्रशंसा और प्रेम प्रकट करते हुए महिलाओं के आर्थिक राजनीतिक और सामाजिक उपलब्धियां एवं कठिनाइयों की सापेक्षता के उपलक्ष में उत्सव के तौर पर अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है l प्रबंधन समिति के सचिव व ब्लाक प्रमुख डॉ हर्ष कुमार दौलत ने कहा यह दिन दुनिया भर में महिलाओं के त्याग साहस और सम्मान को समर्पित दिन होता है l महिलाएं समाज का अहम हिस्सा है,लेकिन बदलते वक्त के साथ महिलाएं आज राष्ट्र निर्माण में भी अपना योगदान दे रही है l 8 मार्च को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है ताकि महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक किया जा सके l महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ राजेश चंद्र पालीवाल ने बताया कि अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस महिलाओं की ऐतिहासिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक उपलब्धियों का उत्सव मनाने वाला एक वैश्विक दिवस है l यह दुनिया भर में लैंगिक असमानता के खिलाफ कार्रवाई करने के समर्थन में भी मनाया जाता है l हम सभी जानते हैं कि दुनिया महिलाओं के बिना नहीं चल सकती यह उनके प्रयासों की सराहना करने का दिन है l महिला उत्पीड़न निषेध समिति की प्रभारी डॉ.सुरजीत कौर ने कहा कि हर साल अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के लिए एक विषय निर्धारित किया जाता है l इस वर्ष 2024 का विषय"प्रेरित समावेशन है "l एक ऐसी दुनिया जहां हर किसी को बराबर का हक और सम्मान मिले l महिलाएं दुनिया की आधी आबादी का हिस्सा है वह किसी भी मामले में पुरुषों से काम नहीं है l समाज की प्रगति में जितना बड़ा योगदान पुरुषों का है उतना ही महिलाओं का भी है, लेकिन फिर भी तमाम जगहों पर आज भी महिलाओं को पुरुषों के समान अवसर और सम्मान नहीं मिल पाता l आज भी बराबरी के हक के लिए उन्हें कई मोर्चो पर लड़ना पड़ता है l महिला उत्पीड़न निषेध समिति की सह प्रभारी डॉ. मीनू देवी ने बताया कि समाज और देश के विकास में जितना योगदान पुरुषों का है उतना ही महिलाओं का l हालांकि महिलाओं को पुरुषों के समान उतना अधिक सम्मान और अवसर नहीं मिलते, लेकिन वक्त के साथ महिलाएं घर परिवार की चाहर दीवारी को पार करके राष्ट्र निर्माण में अभूतपूर्व योगदान दे रही हैं l कार्यक्रम की मुख्य वक्ता डॉक्टर निशा पाल ने कहा कि अशिक्षित महिलाएं आज भी मानसिक व शारीरिक उत्पीड़न का सामना कर रही हैं l समाज का एक बहुत बड़ा हिस्सा आज भी पितृसत्तात्मक सत्ता का शिकार है जिस कारण हमें समय-समय पर उपरोक्त दिवस मनाने की आवश्यकता होती है l महिलाओं को जरूरत है शिक्षित होने की व आत्मनिर्भर होने की l इसी क्रम में डॉक्टर विनीता कश्यप ने कहा कि समाज आधुनिकता की तरफ बढ़ रहा है लेकिन विचारों में आज भी आधुनिकता नहीं है l महिलाएं आज भी पूरी तरह स्वतंत्र नहीं है और जब तक पुरुषों के विचार महिलाओं के प्रति बदल नहीं जाते तब तक महिला वर्ग स्वतंत्र नहीं हो पाएगा महिला दिवस के जरिए विचारों को बदलने की आवश्यकता तभी सफल हो पाएगी जब महिला पूरी तरह स्वतंत्र और सशक्त बन जाएगी l कार्यक्रम का मनोहर संचालन डॉक्टर वर्षा अग्रवाल ने किया l इस अवसर पर डॉ. सारिका महेश्वरी, डॉ नेहा सिंह, डॉ निधि गुप्ता ,डॉ पूनम चौधरी, डॉ शिल्पी, श्रीमती अंजू बरछीवाल ने अपने अपने विचारों को व्यक्त किया l इस कार्यक्रम में डॉ सरला भारद्वाज,कु. वैशाली, डॉ रश्मि, श्रीमती तान्या आदि प्राध्यापक एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।
इस अवसर पर शिखा, पूर्णिमा,कनुप्रिया हिमांशी,प्रीति, प्रिया आदि के द्वारा विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति की गई।