"दल बदल" : पी.एस.रावत
सबसे तेज प्रधान टाइम्स
गबर सिंह भण्डारी
दूध में पानी मिला मिला कर।
दूध भी पानी हो जाता है।
अपने सारे गुण खोकर वह।
फिर भी दूध ही कहलाता है।
यही हाल अब सत्ता का है,
सब कांग्रेस , भाजपा में समाये।
भाजपा तो हो गयी है कांग्रेस।
बस नाम से ही भाजपा कहलाये।
घोर पाप बैतरणी तारे।
जांच कष्ट से सभी उबारे।
नाथ भाजपा शरण में दौड़ो।
छांपे जांच से जो भी हारे।
जो जो सारे भ्रष्टाचारी।
दौड़ कमल की ओर लगायें।
कमल बन्द पंखुड़ियों में फिर ।
ले के शरण निज जान बचायें।
चाहे सपा हो या हो बसपा,
किसी भी दल की मोहर हो चस्पा।
बीजेपी में समाये ऐसें।
नदी समाए सिंधु में जैंसे।
भ्रष्टाचार मुक्त करने का,
यही तरीका सहज बड़ा है।
दूध धुला तो कोई न होगा,
तभी तो डरके भाग खड़ा है।
एक दिन ऐसा आयेगा सब,
फिर नौका को डुबायेंगे।
छोड़ के फिर इस नौका को,
कहीं और भागकर जायेंगे।
--पी.एस.रावत