डॉ. सम्राट सुधा ने अंतरराष्ट्रीय संगोष्ठी में पेश किया शोध पत्र
सचिन शर्मा
रुड़की। नगर के साहित्यकार प्रोफेसर डॉ. सम्राट् सुधा ने आज केरल के कोल्लम शहर के नारायणा महिला कॉलेज में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में अपना शोध पत्र प्रस्तुत किया। उल्लेखनीय है कि कल केरल विश्वविद्यालय में आयोजित एक अंतर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में उन्होंने अपना अन्य शोध पत्र प्रस्तुत किया था। दोनों शोध पत्र ऑन लाइन प्रस्तुत किये गये।
जानकारी देते हुए डॉ. सम्राट् सुधा ने बताया कि केरल विश्वविद्यालय में उन्होंने हिन्दी साहित्य का तकनीकी प्रयोगवादी युग विषयक शोध पत्र प्रस्तुत किया। इस शोध पत्र में उन्होंने बताया कि आचार्य रामचंद्र शुक्ल द्वारा वर्ष 1929 में संयोजित किये गये हिन्दी साहित्य के इतिहास को पूर्ण नहीं माना जा सकता है, क्योंकि उसमे स्वयं आचार्य शुक्ल ने यह स्वीकार किया है कि अनेक समकालीन कवियों को उसमें सम्मिलित नहीं किया जा सका है। शोध पत्र में हिन्दी साहित्य के आधुनिक युग को संवत् 1900 से अब तक, ऐसा मानने को परिवर्धित कर उत्तर आधुनिक युग और उत्तर उत्तर आधुनिक युग के बाद अब तकनीकी प्रयोगवादी कहे जाने के संदर्भ तर्क तथा तथ्य प्रस्तुत किये गये।
कोल्लम के नारायणा कॉलेज की संगोष्ठी में आज डॉ. सम्राट् सुधा ने दलित साहित्य में सन्निहित सहानुभूति और स्वानुभूति विषयक शोध पत्र प्रस्तुत किया। उन्होंने अपने इस शोध पत्र में साहित्य को जाति और लिंग विशेष के आधार पर वर्गीकृत करने को साहित्य के वास्तविक अर्थ के विपरीत बताया। उन्होंने शोध पत्र के माध्यम से साहित्य में दलित विमर्श को वर्ष 1936 से बताने वालों को वर्ष 1927 में प्रकाशित चाँद पत्रिका के अछूत अंक को पढ़ने का निवेदन किया। उन्होंने कहा कि सहानुभूति किसी भी अर्थ में स्वानुभूति से कम नहीं और साहित्य की मूल भावना इसी सहित की भावना तथा सहानुभूति से जुड़ी है।
अनवरत दो दिन दो अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठियों में दो भिन्न शोध पत्र प्रस्तुत किये जाने के लिए डॉ. सम्राट् सुधा को तमिलनाडु के पद्मनाभमपुरम से प्रोफेसर के. सिताहलक्ष्मी, केरल के थिरुवनन्तपुरम् से प्रोफेसर हरमन जेपी , पश्चिमी बंगाल के कोलकाता से नबानीता रॉय,राजस्थान के जयपुर से प्रवक्ता गीता गुप्ता, रुड़की से भारतीय ब्राह्मण समाज के अध्यक्ष सतीश कुमार शर्मा, संरक्षक डॉ. अनिल शर्मा , शिक्षक नेता राजेश सैनी, प्राचार्य राजेश चंद्र पालीवाल , पूर्व चेयरमैन दिनेश कौशिक, कवयित्री बुशरा तबस्सुम सहित अनेक लोगों ने बधाइयां दी हैं।