स्वामी चिदम्बरानंद सरस्वती की पुण्यतिथि पर चिन्मय कुटी में भंडारे का आयोजन
शिव प्रकाश शिव
हरिद्वार। 20 मार्च 2024 को ब्रह्मपुरी स्थित चिन्मय कुटी में गुरुदेव स्वामी चिदम्बरानंद सरस्वती महाराज की पावन पुण्यतिथि के अवसर पर 44 वां वार्षिक भंडारा बड़े ही धूमधाम हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुआ। इस अवसर पर बोलते हुए चिन्मय कुटी के परमा ध्यक्ष महंत चिदघनानंद उर्फ सुभाष महाराज ,ने कहा वे लोग बड़े ही भाग्यशाली होते हैं जिन्हें संत महापुरुषों के दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त होता है तथा उनका परम सानिध्य प्राप्त होता है माता चिदम्बरानंद सरस्वती महाराज, ज्ञान त्याग और तपस्या की एक अखंड मूर्ति थी उन्होंने अपने ज्ञान और तपोबल के माध्यम से भक्तों को कल्याण का मार्ग दिखाया ऐसी परम विभूति की पवन पुण्यतिथि के अवसर पर हम सब उन्हें शत-शत नमन करते हैं परम पूज्य स्वामी चिदघनानंद महाराज ने कहा संत महापुरुष कभी मरते नहीं वे सदैव अमर रहते हैं महापुरुषों की चेतना और शक्ति उनके उत्तराधिकारी में उनके इस लोक से चले जाने के बाद उनके उत्तराधिकारी में निहित रहती हैं महापुरुष अपने विचारों के रूप में सदैव हमारे स्मृति पटल पर अमर रहते हैं इस अवसर पर बोलते हुए जूना अखाड़े के पूर्व सचिव महंत देवानंद सरस्वती महाराज ,ने कहा जिन महापुरुषों की आज पवन पुण्यतिथि है ऐसे संत बिरला ही भाग्य से प्राप्त होते हैं संत का अर्थ है सत्य की राह दिखाने वाला जो दिव्य आत्मा इस पृथ्वी लोक पर गुण के रूप में भक्तों को सत्य की राह दिखाकर कल्याण की ओर ले जाती है उन्हें संत महापुरुष कहा जाता है और ऐसे महापुरुषों की संगत और सानिध्य बड़े ही भाग्य से मिलता है इस पृथ्वी लोक पर भक्तों को भजन कीर्तन सत्संग के माध्यम से भगवान से जोड़कर कल्याण की ओर ले जाने वाले गुरुजन ही होते हैं जो अपने त्याग परोपकार के माध्यम से भक्तों को सत्य की राह दिखा कर भगवान श्री हरि के चरणों में पहुंचा देते हैं गुरु मिलते हैं ईश्वर से गुरु ही देते ज्ञान इस अवसर पर महंत पूर्णानंद महाराज माता सच्चिदानंद सरस्वती उर्फ़ जीन्नत महंत तूफान गिरी महाराज , शिवा , सुभाष , संदीप मोगा , ब्रह्म स्वरूप गुप्ता लाल, हरपाल सुखविंदर पाल लाडी बलवीर सिंह नरेश पंडित सुशील अरोड़ा राजू मोगा जितेंद्र पाल सिंह राजीव , अंजू अरोड़ा सहित राजस्थान पंजाब हरियाणा उत्तर प्रदेश दिल्ली तथा अन्य जनपदों वह प्रदेशों से आए भक्तगण उपस्थित थे।