राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम ने पियर एजुकेटर को दिए प्रोत्साहन पुरस्कार
विकास कश्यप
रुड़की। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के अंतर्गत चलाए जा रहे राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के द्वारा ब्लॉक रुड़की में पियर एजुकेटर (साथिया) को प्रोत्साहन पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
राजकीय उप जिला चिकित्सालय रुड़की में आयोजित इस कार्यक्रम में प्रभारी चिकित्सा अधीक्षक डॉक्टर राजकेश पांडे ने 100 किशोर व 100 किशोरी पियर एजुकेटर को प्रमाण पत्र व प्रोत्साहन उपहार के रूप में टिफिन बॉक्स वितरित किए।
डॉक्टर राजकेश पांडे ने साथिया के द्वारा ब्लॉक रुड़की के गांवो में किए जा रहे कार्यों की सराहना की।
उन्होने कहा कि भारत की कुल जनसंख्या का 22 प्रतिशत हिस्सा किशोर किशोरियों का है। किशोरावस्था में शारीरिक, मानसिक व भावनात्मक बदलाव से होने वाली समस्याओं और भ्रांतियों के विषय में किशोर एवं किशोरियां खुलकर बात नहीं कर पाते हैं। इस स्थिति को देखते हुए केंद्र सरकार ने वर्ष 7 जनवरी 2014 में राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत पीयर एजुकेटर कार्यक्रम की शुरूआत की,जिसमें आशा वर्करों द्वारा गांव स्तर पर पियर एजुकेटर का चयन किया गया। जिनको छह दिन के प्रशिक्षण में किशोरावस्था के दौरान होने वाली समस्याओं और उनके समाधान को लेकर प्रशिक्षित किया गया।
किशोरावस्था में होने वाली समस्याओं को दूर करने के लिए एक आशा वर्कर द्वारा 1 किशोर व 1 किशोरी का साथिया के रूप में चयन किया गया है।
प्रशिक्षित पीयर एजुकेटर हर माह में पीयर समूह (10-19 वर्ष) के 4/5 सत्र लेते हैं। इन सत्रों के माध्यम से ये अपने पीयर समूह की समस्याओं और भ्रांतियों को दूर करने का प्रयास करते हैं। जिन किशोर व किशोरियों की समस्याओं को वो दूर नहीं कर पाते हैं उनको स्वास्थ्य केंद्रों पर चलाए जा रहे किशोर दोस्ताना स्वास्थय क्लिनिक को रेफर कर दिया जाता है।
दोस्ताना स्वास्थय क्लीनिक पर प्रशिक्षित किशोर स्वास्थ्य परामर्शदाता द्वारा उनकी समस्याओं का समाधान किया जाता है।
कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि बाल विकास विभाग रुड़की से नोडल अधिकारी - एनीमिया मुक्त भारत/ राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम रिचा गर्ग ने पीयर एजुकेटर के कार्यो की प्रसन्नता की और उनके द्वारा किए जा रहे कार्य को महत्वपूर्ण बताया है। उन्होंने कहा कि किशोर अवस्था में उत्पन्न किसी समस्या व भ्रांतियों को समय रहते दूर न किया जाए तो वो उसके शारीरिक व मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव डाल सकती है। इसलिए पीयर एजुकेटर द्वारा किया जा रहा कार्य और भी महत्वपूर्ण हो जाता है। उनको इस अवस्था के दौरान उचित खानपान में की आवश्यकता होती है ओर असंचारी रोगों के प्रति जागरूकता, नशावृती से दूर रहना चाहिए जिस से कि बच्चे अपने भविष्य को सही दिशा प्रदान करे सकें। साथ ही बाल विकास परियोजना से सम्बन्धित जानकारी दी।
कार्यक्रम में विशिष्ठ मुख्य अतिथि प्रदीप बिष्ट व सुशील चौधरी ने कहा कि किशोरावस्था आयु का वह पढ़ाव होता है जहां बच्चे को सबसे ज्यादा मार्गदर्शन व सही दिशा निर्देश की जरूरत होती है। सभी किशोर किशोरी अपने भविष्य का निर्धारण इस अवस्था में ही करते है। राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम से बच्चो को सही दिशा व दशा प्रदान हो रही है। स्वास्थ्य विभाग के द्वारा एनीमिया मुक्त भारत कार्यक्रम व राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम भी बच्चो के अच्छे स्वास्थय को बनाए रखने में अपनी अहम भूमिका निभाता है।
सभी किशोर किशोरी इस अवस्था हो रहे बदलाव के कारण थोड़े चिड़चिड़े हो जाते है परंतु राष्ट्रीय किशोर स्वास्थ्य कार्यक्रम उनकी इस समय का समाधान करने में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।
इस मौके पर स्वास्थ्य विभाग से वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी मनोज नवानी, अस्पताल प्रबंधक अंकित राणा, परामर्शदाता देवीलाल व दीपा, सोनिया, आराधना,अनुराधा, दीपक, नेहा, पूजा, शिवानी पाल, पायल, अंशिका सैनी, शिवानी देवी, नवीन कुमार, कुणाल, आस्था सैनी आदि मौजूद रहे