विश्व क्षय दिवस पर इएमए के केंद्रीय कार्यालय में संगोष्ठी का आयोजन
हन्नी कथूरिया
हरिद्वार, 24 मार्च। आज इ एम ए केन्द्रीय कार्यालय बालाजी इंस्टीट्यूट ऑफ अल्टरनेटिव मेडिकल साइंस एंड रिसर्च सेंटर ज्वालापुर में वर्ल्ड टी बी डे (विश्व क्षय दिवस) पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमे टी बी रोग के संक्रमण, बचाव, रोक थाम , जागरूकता एवं चिकित्सा विषय पर बोलते हुए इ एम ए के राष्ट्रीय अध्यक्ष डा के पी एस चौहान ने कहा कि शरीर में कोई भी रोग तब उत्पन्न होता है जब शरीर की इम्यूनिटी पावर कम हो जाती है। डॉ चौहान ने कहा कि आज के दिन डा रोबर्ट कोक ने टी बी के जीवाणु की खोज की थी । इसलिए टी बी को कोक साईन नाम से भी जाना जाता है । टी बी रोग एक प्रकार के संक्रामक जीवाणु बेसिलस माइकोबैक्टीरियम के द्वारा होता और फैलता है। टी बी, फेफड़े, त्वचा, मस्तिष्क, गुर्दे, हड्डियों, आंत्र, किसी भी अंग में हो सकती है। इस बीमारी को फैलने से रोकने के लिए संक्रांमित रोगी का बलगम, मल, वमन आदि को नष्ट करें व रोगी द्वारा इस्तेमाल की जाने वाली वस्तुएं को स्वस्थ व्यक्ति की पहुंच से दूर रखें।
डॉ चौहान ने कहा कि प्रधानमंत्री के टी बी मुक्त भारत अभियान को सफल बनाने में इ एम ए अपनी सहभागिता निभा रही है ।