हर अस्पताल में सुरक्षित प्रसव के लिए बर्थ अटेंडेंट की सेवाएं प्रशिक्षित अधिकारियों से मिलना जरूरी : डॉ. रावत
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गबर सिंह भण्डारी
श्रीनगर गढ़वाल। अस्पतालों में मातृ एव नवजात की मृत्युदर कम से कम तथा प्रसव के बेहतर कौशल सिखाने के लिए श्रीनगर मेडिकल कॉलेज चल रहे 21 दिवसीय स्किल बर्थ अटेंडेंट ट्रैनिंग का मंगलवार को समापन हुआ। समापन अवसर पर मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ.सीएमएस रावत एवं चिकित्सा अधीक्षक डॉ.अजेय विक्रम सिंह ने रूद्रप्रयाग जिले के विभिन्न अस्पतालों से पहुंचे नर्सिंग अधिकारियों को प्रमाण पत्र देकर सम्मानित किया।
मेडिकल कॉलेज के सभागार में आयोजित कार्यक्रम में मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉ.सीएमएस रावत ने कहा कि महिलाओं का सुरक्षित प्रसव कराने के लिए जो कौशल प्रशिक्षण में सिखाये गये, उनको प्रयोग नर्सिंग अधिकारी अपने अस्पतालों में आने वाले गभर्वती महिलाओं पर करेंगे,ताकि सुरक्षित प्रसव हो सके और जज्जा-बच्चा दोनो स्वस्थ्य हो। हम सबके लिए मां व मां के गर्भ मे पल रहा नवजात अनमोल है डिलिवरी के समय दोनो का सुरक्षित रखना हम सब का सबसे बडा कर्तव्य भी है, उपकार भी और आशीर्वाद भी। सभी ट्रेनी नर्सिग आफिसर अपने ट्रैनिंग के ज्ञान को अन्य नर्सिंग अधिकारियों में भी बांटेगे,ताकि क्षेत्र की महिलाओं को अस्पताल पहुंचने पर अधिकतम लाभ मिल सके। कहा कि इस ट्रैनिंग का मुख्य उद्देश्य मां व शिशु की मृत्यु दर को कम से कम करना है। यह तभी संभव हो सकता है जब हर गर्भवती महिला गर्भ के दौरान व डिलीवरी के दौरान प्रशिक्षित नर्सिग अटेंडेंट की सेवाएं नर्सिंग अधिकारियों के माध्यम से लें। सभी प्रतिभागियो द्वारा बेस चिकित्सालय मे प्रदत ट्रेनिंग गुणवता की खुले मन से प्रशंसा की गई और कहा कि अब हम सुरक्षित प्रसव पर सम्पूर्णता से समर्पित रहकर कार्य करेगे। चिकित्सा अधीक्षक डॉ.अजेय विक्रम सिंह ने कहा कि गढ़वाल क्षेत्र के सीएचसी केन्द्रों पर इस तरह की ट्रैनिंग लेकर यदि नर्सिंग अधिकारी तैनात रहे तो पहाड़ की गर्भवती महिलाओं को बेहतर सुविधा मिल पायेगी। उन्होंने ट्रैनिंग में पहुंचे सभी नर्सिंग अधिकारियों को बधाई दी। कार्यक्रम का संचालन प्रशिक्षण के नोडल अधिकारी डॉ.सुरेन्द्र सिंह नेगी द्वारा किया गया। इस मौके पर मास्टर ट्रेनर पुष्पलता,विजय लक्ष्मी,नर्सिंग अधिकारी मोनिका निर्मल सिंह,पूजा धीमान,भावना,विजेता श्रीवास्तव आदि मौजूद थे।