प्रजापिता ब्रह्मकुमारियों ने बताए होली के आध्यात्मिक रहस्य
सचिन शर्मा
नई दिल्ली। उत्तरी पूर्वी दिल्ली स्थित प्रजापिता ब्रह्मकुमारियों की ओर से दिल्ली दिलशाद कॉलोनी सेवा केंद्र को होली के पावन पर्व पर होली के आध्यात्मिक रहस्योँ के बारे में बताया गया l इस भव्य आयोजन में डेढ़ सौ भाई बहनों ने आकर परमात्म ज्ञान का पूरा लाभ लिया l इस आध्यात्मिक आयोजन में मुख्य अतिथि के रूप में आकर कार्यक्रम की शोभा बढ़ाने वालों में दिलशाद कॉलोनी के वेलफेयर रेजिडेंट एसोसिएशन के प्रेसिडेंट राजेश कुमार साथ ही में इंस्पेक्टर बालवीर बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्स,167 बटालियन फोर्स दिलशाद कॉलोनी कैंप l इस विशेष आध्यात्मिक आयोजन के अवसर पर ब्रह्मकुमारी अनुराधा बहन ने होली के आध्यात्मिक रहस्यों को बताते हुए कहां की वास्तव में होलिका दहन अर्थात अपने अंदर की सभी बुराइयों को जलाना जैसे की (द्वेष ईर्ष्या काम क्रोध लोभ मुंह अहंकार आलस्य दुख भय चिंता) और सद व्यवहार का परमात्म प्यार का रंग एक दूसरे को लगाना l जिसमें होली का विशेष अर्थ बताया कि:- होली अर्थात पवित्रता होली अर्थात हो+ली = जो बीत गया सो बीत गया पुरानी व्यर्थ, नकारात्मक बातों को अपने मन से बाहर निकाल कर मां को शुद्ध श्रेष्ठ भावनाओं से भरना, दुआओं से अपने मन को भरना l होली =हो+ली अर्थात हम मनुष्यात्मा उस परमपिता के हो गएl जिसमें बताया गया है कि हमें एक दूसरे को मीठे बोल बोल कर सबका मुख मीठा करना है साथ ही में सबको दुआएं देते जाना है सब की दुआएं लेते जाना है, सबको अपनी हृदय के शुद्ध प्रेम से भरकर एक दूसरे से मंगल मिलन मानना है l अपने संस्कारों में दिव्यता व नया परिवर्तन लेकर आना ही एक प्रकार से नए वस्त्रो का धारण करना है, होली हमें सुख शांति प्रेम भाईचारे एवं मिलजुल कर प्यार से एक जुट होकर रहने का पाठ पढ़ने का कार्य करती है l मुख्य अतिथि इंस्पेक्टर बालवीर ने सभी को संबोधित करते हुए कहा कि तनाव से भरे इस जीवन को तनाव से मुक्त करने के लिए एकमात्र यही ब्रह्माकुमारी संस्था है, जिसमें आगे उन्होंने अपने जिंदगी के अनुभव को साझा करते हुए बताया कि कर्मों से ही हमारा भाग्य बनता एवं बिगड़ा है इसीलिए हमें अच्छे कर्म करने चाहिए और कभी किसी का दिल नहीं दुखाना चाहिए दूसरों की मदद करनी चाहिए तथा हमारी जिंदगी का यही एकमात्र देश होना चाहिए कि हमारी से कभी किसी को कोई भी तकलीफ नहीं होनी चाहिए l