स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद द्वारा स्वयं को शंकराचार्य लिखना अवैधानिक-स्वामी अच्यूतानंद तीर्थ
स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद द्वारा स्वयं को शंकराचार्य लिखना अवैधानिक-स्वामी अच्यूतानंद तीर्थ
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प्रमोद गिरि
हरिद्वार। भूमा पीठाधीश्वर स्वामी अच्यूतानंद तीर्थ महाराज ने आरोप लगाया है कि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद द्वारा स्वयं को शंकराचार्य लिखना अवैधानिक हैं। प्रैस को जारी बयान में स्वामी अच्यूतानंद तीर्थ महाराज ने कहा है कि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद स्वयं को ब्राह्मण बताते हैं। जबकि उनकी जाति भाट है। इसकी जांच होनी चाहिए। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उच्चतम न्यायालय में शंकराचार्य पदवी को लेकर मामला विचाराधीन है। लेकिन स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद न्यायालय के आदेशों की अवेहलना कर अवैधानिक तरीके से अपने नाम के आगे शंकराचार्य लिख रहे हैं। उन्होंने कहा कि उन पर आपराधिक मुकद्मा दर्ज कर कार्रवाई की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि उच्चतम न्यायालय के आदेशों का पालन नहीं करने वाले के विरूद्ध कार्रवाई नहीं होगी तो इससे न्यायालय के आदेशों का पालन नहीं करने वालों की संख्या देश में बढ़ जाएगी। स्वामी अच्यूतानंद तीर्थ महाराज ने कहा कि पूर्व में इनके गुरू द्वारा भी मंदिर में गबन किए गए। लेकिन उन मामलों में कुछ नहीं हुआ। सोने को पीतल बताकर लूटने खसोटने का काम किया गया। उन्होंने स्वामी अविमुक्तेश्वरांनद द्वारा स्वयं को ब्राह्मण बताए जाने की उच्च स्तरीय जांच होनी चाहिए।