मसूरी में भू और खनन माफियाओं के होसले बुलंद, बेरोकटोक काटे जा रहे पहाड, घडल्ले से हो रहे निर्माण
मसूरी में भू और खनन माफियाओं के होसले बुलंद, बेरोकटोक काटे जा रहे पहाड, घडल्ले से हो रहे निर्माण
सबसे तेज प्रधान टाइम्स
सुनील सोनकर
मसूरी।मसूरी में भू और खनन माफियाओं के होसले बुलंद हो रखे है मसूरी ओर आसपास के क्षेत्र में अवैध निर्माण की बाढ़ सी आ गई है जिससे मसूरी की खुबसूरती और पर्यावरण पूरी तरीके से प्रभावित हो रहा है। मसूरी के खड़े पहाड़ों को नगर पालिका परिशद मसूरी, वन विभाग , एमडीडीए और खनन विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से जेसीबी और मशीनों से चीरा जा रहा है वहीं विभिन्न जगहों पर अवैध निर्माण किये जा रहे हैं परंतु भ्रष्टाचार में लिफ्ट अधिकारी इस ओर ध्यान नहीं दे रहे हैं। मसूरी के चांडालगड़ी, स्प्रिंग रोड, बार्लोगंज, झडीपानी, कार्ट मैकेंजी रोड पर धड़ल्ले से खनन और निर्माण किया जा रहा है परंतु मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण, वन विभाग और खनन विभाग के अधिकारी कोई ठोस कार्रवाई करने को तैयार नहीं है मात्र चालान की प्रक्रिया करके इतिश्रीी कर रहे हैं जिससे र्प्यावरणविद्व ओर समाजिक कार्यकर्ताओं में भारी आक्रोष है। मसूरी के सामाजिक कार्यकर्ता ललित मोहन काला ने कहा कि जिस तरीके से अधिकारियों की मिलीभगत से पहाडों की रानी मसूरी का दोहन किया जा रहा है। सिद्धांत किया जा रहा है वह दुर्भाग्यपूर्ण है उन्होंने कहा कि मसूरी अपने पर्यावरण और हरे भरे वातावरण के पूरे विश्व भर में जानी जाती है परंतु मसूरी में खनन और भू माफिया सक्रिय हो चुके हैं पहाड़ों को जेसीबी और ड्रिलिंग मशीन से काटा जा रहा है और बडे स्तर पर बडे पैमाने में निर्माण किया जा रहा है उन्होंने कहा कि उनके द्वारा भी मसूरी में हो रहे अवेध खनन और निर्माण को लेकर मसूरी देहरादून विकास प्राधिकरण, वन विभाग और खनन विभाग के साथ स्थानीय प्रशासन को शिकायत की गई परंतु कोई भी सुनने को तैयार नहीं है उन्होने कहा कि उत्तराखंड का सरकारी खनन विभाग तथा वन विभाग अपनी आंखों पर पट्टी बांधे सब अनर्थ को मौन स्वीकृति दे रहे हैं । इन विभागों के फील्ड कर्मचारी व अधिकारी दोषियों पर कार्रवाई करने से बचाने की जुगत करने में मशगूल हैं और जनता की शिकायतों पर कोई कारगर कार्रवाई नहीं कर पा रहे हैं ।मसूरी में चारों ओर आरक्षित/नोटिफाइड जंगल नष्ट किये जा रहें हैं , जगह-जगह पहाड़ काटे जा रहे हैं लेकिन मसूरी को बर्बाद करने की गतिविधियों पर कोई रोक नहीं लग पा रहीं हैं । अधिकारी भ्रष्टाचार में लिफ्ट है परंतु सवाल उठता है कि आखिरकार मसूरी के बिगड़ते स्वरूप को बचाएगा कौन ना तो इस ओर सरकार और ना ही प्रशासन ध्यान दे रहा है। उन्होने कहा कि बड़े बड़े बिल्डरों व रसूखदारों के अवैध निर्माण कार्य बेरोकटोक हो रहे हैं , अवैध प्लाटिंग का काम किया जा रहा है लेकिन प्राधिकरण कोई कारगर कार्रवाई नहीं कर पा रहा है । प्राधिकरण चालान की कारवाई करने के बाद अवैध कामों को अप्रत्यक्ष रुप से संरक्षण देने का काम करता है । अधिक तर निर्माण कार्यों में प्राधिकरण के उपविधियां व नियमों की अनदेखी की जाती है । आम जनता विकास प्राधिकरण की कार्यप्रणाली से क्षुब्ध हैं जबकि विभाग पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगते रहे हैं । उन्होने कहा कि मसूरी के विनाश के लिए मुख्य रूप से जिम्मेदार विकास प्राधिकरण को ही माना जा रहा है । अनेक शिकायत होने पर भी कोई संज्ञान नहीं लिए जाने से जनता में आक्रोश व्याप्त है।