केन्द्रीय विश्वविद्यालय ने मानवीय संवेदना के चितेरे हिंदी साहित्यकार प्रेमचंद की 144 वीं जयंती मनाई
केन्द्रीय विश्वविद्यालय ने मानवीय संवेदना के चितेरे हिंदी साहित्यकार प्रेमचंद की 144 वीं जयंती मनाई
सबसे तेज प्रधान टाइम्स गबर सिंह भण्डारी
श्रीनगर गढ़वाल। हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल (केन्द्रीय) विश्वविद्यालय श्रीनगर (गढ़वाल) के हिंदी विभाग में आज कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद की 144 वीं जयंती मनाई गई। इस अवसर पर मुख्य अतिथि और वक्ता प्रोफेसर रचना बिमल सत्यवती कॉलेज दिल्ली विश्वविद्यालय ने आभासीय माध्यम से प्रेमचंद के साहित्य में मानवीय संवेदना पर प्रकाश डालते हुए कहा कि प्रेमचंद ने मानव को दिशा दिखाने के लिए साहित्य की रचना की,उन्होंने आगे कहा कि उनके साहित्य में पशुओं की संवेदना मानव से बढ़कर सामने आती है। हिंदी विभाग की विभागाध्यक्ष प्रो.गुड्डी बिष्ट पंवार ने प्रेमचंद को कालजयी साहित्यकार कहते हुए आज के समय में उनकी साहित्य की प्रासंगिकता पर प्रकाश डाला। कला संकायाध्यक्ष प्रो.मंजुला राणा ने कहा कि प्रेमचंद ने विचार धाराओं का निर्माण किया। इस अवसर पर हिंदी विभाग के शोधार्थियों और छात्र-छात्राओं ने भी अपने विचार रखे। शोधार्थी प्रमोद,राकेश सिंह,दिवाकर साहू ने प्रेमचंद की कहानियों के माध्यम से ग्रामीण परिवेश और भारतीय किसानों की दयनीय दशा को रेखांकित किया। अंत में डॉ.अनूप सेमवाल ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया। कार्यक्रम का संचालन शोध-छात्रा रेशमा पंवार ने किया। इस अवसर पर विभाग के डॉ.कपिल देव पंवार,शोध छात्र नवीन,कोमल,आनंद,तरुण,अंजली,सुनीता शर्मा,पारुल आर्य आदि शोधार्थी तथा विभागीय कर्मचारी उपस्थित रहे।