भक्तों पर ज्ञान रूपी अमृत की वर्षा करने वाले त्याग मूर्ति संत थे महामंडलेश्वर लक्ष्मण दास महाराज :महंत रघुवीर दास महाराज
भक्तों पर ज्ञान रूपी अमृत की वर्षा करने वाले त्याग मूर्ति संत थे महामंडलेश्वर लक्ष्मण दास महाराज :महंत रघुवीर दास महाराज
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शिव प्रकाश शिव
हरिद्वार 30 दिसंबर। श्री वशिष्ठ दूधाधारी सप्तऋषि आश्रम ब्रह्मपुरी हरिद्वार में परम पूज्य गुरुदेव श्री श्री 1008 महामंडलेश्वर लक्ष्मण दास महाराज के साकेतवास के पश्चात उनकी 17वीं पर एक विशाल संत समागम आश्रम में आयोजित किया गया कार्यक्रम की अध्यक्षता श्री महंत नारायण दास पटवारी ने की इस अवसर पर बोलते हुए श्री सुदर्शन आश्रम अखाड़े के परमाध्यक्ष श्री महंत रघुवीर दास जी महाराज ने कहा परम पूज्य गुरुदेव श्री श्री 1008 महामंडलेश्वर श्री लक्ष्मण दास महाराज इस पृथ्वी लोक पर साक्षात एक ज्ञान की गंगा थे उनके ज्ञान रूपी सरोवर में स्नान करने के बाद भक्त अपने जीवन को धन्य तथा कृतार्थ किया करते थे महाराज जी आज भी सूक्ष्म रूप में हम लोगों के बीच विद्यमान है श्री लक्ष्मण दास महाराज भक्तों पर ज्ञान रूपी अमृत की वर्षा कर उन्हें कल्याण की ओर अग्रसर किया करते थे उनके ज्ञान का प्रताप आज भी आश्रम में तथा उनके शिष्यों में भक्तों में विद्यमान है इस अवसर पर बोलते हुए श्री वशिष्ठ दूधाधारी सप्त ऋषि आश्रम के श्री महंत जय रामदास महाराज ने कहा श्री श्री परम पूज्य गुरुदेव लक्ष्मण दास जी महाराज इस पृथ्वी लोक पर साक्षात गुरु भगवान के रूप में अवतरित हुए थे उन्होंने सदैव अपने ज्ञान के माध्यम से अपने तपोबल के माध्यम से हम शिष्यों तथा भक्तों को सत्य की राह दिखाई गुरुदेव श्री लक्ष्मण दास महाराज इस पृथ्वी लोक पर ज्ञान का एक विशाल सागर थे जिस प्रकार विश्व की सभी नदियां समुद्र में जाकर समुद्र मय हो जाती है इस प्रकार गुरुदेव ज्ञान की एक ऐसी निर्मल गंगा थे की विश्व की सभी नदियां जिस प्रकार सागर में समाहित हो जाती है इसी प्रकार विश्व का संपूर्ण ज्ञान संपूर्ण तपोबल परम पूज्य गुरुदेव में विद्यमान था उन्होंने धर्म कर्म भजन पूजा पाठ यज्ञ अनुष्ठान के माध्यम से भक्तों को सत्य की राह दिखाई ईश्वर तक पहुंचाने का मार्ग दिखाया उन्होंने बताया की राम नाम की गाथा जिसने भी इस मुख से गाई है उसका मानव जीवन सार्थक हो गया परम पूज्य गुरुदेव स्वभाव में थोड़े कड़क हुआ करते थे किंतु थोड़ी ही देर में उनका स्वभाव परिवर्तित हो नरम हो जाया करता था भक्तों पर उनकी छत्रछाया आसमान की तरह थी परम पूज्य गुरुदेव ने सनातन परंपरा को धर्म कर्म के शंखनाद से संपूर्ण विश्व में प्रचारित व प्रसारित करने का कार्य किया भक्तों को भजन कीर्तन पूजा पाठ के माध्यम से भगवान श्री राम के चरणों तक पहुंचने वाला मार्ग दिखाया इस अवसर पर बोलते हुए महंत मुरारी दास महाराज ने कहा संत महापुरुषों का जीवन समाज को समर्पित होता है संतो द्वारा किये गये कार्यों में जगत कल्याण की भावना निहित होती है इस अवसर पर बोलते हुए महंत बिहारी शरण दास महाराज ने कहा वे लोग बड़े ही भाग्यशाली होते हैं जिन्हें सतगुरु का सानिध्य प्राप्त होता है इस कलयुग में गुरु ही हमारी नैया को पर लगाने वाले हमारे तारण हार सतगुरु से बड़ा और सच्चा कोई और पथ दर्शक हो ही नहीं सकता इस अवसर पर बोलते हुए स्वामी अंकित शरण महाराज ने कहा इस पृथ्वी लोक पर सतगुरु सूर्य के सामान प्रकाशमान है जिस प्रकार सूर्य की एक किरण रात के अंधकार को भोर में दूर कर देती है इस प्रकार सतगुरु का ज्ञान सतगुरु के सत्संग की आभा मन मस्तिष्क के अंधकार को दूर कर हमारे मस्तिष्क में ज्ञान का उदय कर देते है इस अवसर पर महान तुलसीदास गुजरात से महंत दशरथ दास राजस्थान से महंत श्री रामेश्वर दास राजस्थान महल श्री लवकुश दास राजस्थान श्री देव रामदास , महावीर दास मध्य प्रदेश अर्जुन दास राजस्थान ,महावीर दास उत्तर प्रदेश श्री बजरंग दास , मनोहर दास मध्य प्रदेश श्री आनंद दास मध्य प्रदेश श्री अमर दास गुजरात , विमल दास हरिद्वार , भरत दास मोनी महाराज महंत सूरज दास महाराज हरिद्वार स्वामी अंकित शरण महाराज महंत बिहारी शरण महाराज महंत जागीर दास महाराज स्वामी प्रभु दास महाराज महंत परमेश्वर दास महाराज महंत साध्वी गंगादास महाराज महंत कैलाशानंद महाराज महंत किशोर दास महाराज महावीर दास महाराज महंत गंगादास मंहत नारायण दास पटवारी महाराज,मंहत प्रणय दास,महंत रामानंद दास महाराज कोतवाल कमल मुनि महाराज धर्मदास महाराज रामदास महाराज सहित भारी संख्या में संत महापुरुष तथा भक्तगण उपस्थित थे सभी ने इस अवसर पर आयोजित विशाल भंडारे में भोजन प्रसाद ग्रहण किया