देश को सभ्य,नव्य और भव्य बनाने के लिए छात्र नामांकन संख्या बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करें प्रधानाचार्य--डॉ.घिल्डियाल
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गबर सिंह भण्डारी
देहरादून : सहायक निदेशक डॉ.चंडी प्रसाद घिल्डियाल ने देश को सभ्य नव्य और भव्य बनाने के लिए सभी प्रधानाचार्यों को छात्र नामांकन संख्या बढ़ाने पर पूरा ध्यान केंद्रित करने के निर्देश दिए है। आज डोईवाला विकास खण्ड के विभिन्न विद्यालयों सहित पंजाब सिंध क्षेत्र साधु महाविद्यालय,नेपाली संस्कृत विद्यालय एवं श्री भरत संस्कृत महाविद्यालय में प्रवेश उत्सव में पहुंचे डॉ.घिल्डियाल ने नूतन प्रवेश पाए हुए छात्र-छात्राओं को फूलमालाएं,कॉपी एवं पेन प्रदान करते हुए कहा कि हमें सभ्य,नव्य और भव्य भारत की संकल्पना को साकार करना है,और उसके लिए देव वाणी संस्कृत में छात्रों की नामांकन संख्या वृद्धि करनी परम आवश्यक है,क्योंकि सभ्यता और संस्कृति संस्कृत के अध्ययन में ही छुपी हुई है। सहायक निदेशक ने उपस्थित अभिभावकों से अपील की यदि विद्या अध्ययन करना किसी विद्यार्थी का भाग्य है,तो संस्कृत का अध्ययन करना उसका सौभाग्य है आज भारत को सभ्य बनाने के लिए संस्कारों की आवश्यकता है,और संस्कार संस्कृत पढ़ने से ही बहुत अच्छी तरह आ सकते हैं,इसलिए निसंकोच अपने बच्चों को संस्कृत की तरफ बढ़ाएं उन्होंने कहा कि अब संस्कृत में सभी विषय पढ़ाए जा रहे हैं,इसलिए बच्चे का रोजगार के लिए भी भविष्य सुरक्षित है। इस अवसर पर सैकड़ो विद्यार्थियों ने संस्कृत में प्रवेश लिया। इस मौके पर नेपाली संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ.ओमप्रकाश पूरवाल,पंजाब सिंध क्षेत्र महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ.नवीन भट्ट,भरत संस्कृत महाविद्यालय के प्राचार्य एस.के.भट्ट सहित प्रवेश उत्सव मनाए गए विकास खंड के सभी विद्यालयों के शिक्षक और कर्मचारी तथा छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।