शिव कृपा से होती है अमरत्व की प्राप्ति : अनुराग शास्त्री
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पंकज राज
हरिद्वार : सेक्टर वन स्थित शिव मंदिर परिसर में श्री सनातन ज्ञानपीठ शिव मंदिर सेक्टर 1 भेल द्वारा आयोजित श्री शिव महापुराण कथा के सातवें दिन कथा व्यास ने मार्कंडेय मुनि के अमरत्व प्राप्त करने का वृतांत सुनाया।
शनिवार को कथा व्यास पंडित अनुराग शास्त्री ने कहा कि प्रारब्ध को मिटाने और बनाने में केवल भगवान शंकर ही सक्षम हैं। इनकी आराधना करने से न केवल अनहोनी को टाला जा सकता है अपितु अमरत्व का वरदान भी पाया जा सकता है। कथा वृतांत सुनााते हुए उन्होंने कहा, मार्कंडेय मुनि आज तक जीवित हैं क्योंकि वे हमेशा भगवान शंकर के अभिषेक व जप मेें लीन रहते थेे। एक दिन स्वयं यमराज जब मार्कंडेय मुनि के प्राण लेने आए तो मुनि ने अपने जप के प्रभाव से इनको पहचान लिया। मुनि भगवान आशुतोष के महामृत्युंजय मंत्र का जाप करते हुए शिवलिंग को पकड़ कर रोने लगेे। शरणागत वत्सल भगवान शंकर इस घटना से स्तब्ध रह गए तथा स्वयं शिवलिंग से प्रगट होकर यमराज से वापस चले जाने को कहा। यमराज ने पूछा कि भगवान कब आऊं? तब भगवान शंकर ने कहा, "कभी नहीं,मार्कंडेय मुनि ने महाकाल की शरण ली है यह जब तक चाहे तब तक जीवित रह सकते हैं"। कथा कहती है कि संसार में केवल भगवान शिव ही ऐसे महादेव हैं जिनको प्रसन्न करके मृत्यु पर भी विजय प्राप्त की जा सकती हैै। शिव की कृपा से मुनि ने प्रलय के भी अपनी आंखों से दर्शन किए हैं। जो शिव की शरण में चला जाता है उसका संसार से आना-जाना छूट जाता है अर्थात वह शिवधाम चला जाता है।
कथा व्यास ने आगे बताया कि गणेश जी को प्रथम पूज्य का आशीर्वाद तो प्राप्त हुआ ही साथ-साथ रिद्धि और सिद्धि के साथ इनका विवाह भी बड़ी धूमधाम के साथ संपन्न हुआ। कार्तिकेय को जब यह सब बातें पता चली तो वह नाराज होकर क्रौंच पर्वत पर चले गए।
कथा में अशोक सिंघल,नीतू सिंघल,ब्रिजेश शर्मा,अनिलचौहान ,दलसिंगार,राकेश विष्णु, तेजप्रकाश,मानदाता,रेनू सरला विभा गौतम आदि सम्मिलित रहे l