अखिलेश चंद्र चमोला बने यूथ विद सनातन अभियान के जिला प्रभारी
अखिलेश चंद्र चमोला बने यूथ विद सनातन अभियान के जिला प्रभारी
सबसे तेज प्रधान टाइम्स गबर सिंह भण्डारी श्रीनगर गढ़वाल। राजकीय इंटर कॉलेज सुमाड़ी के अध्यापक अखिलेश चंद्र चमोला बने यूथ विद सनातन संस्कृतिके प्रभारी मनुष्य योनि ईश्वर की अनमोल कृति है,हमारा निरंतर प्रयास होना चाहिए कि हम इस जीवन को सार्थक बनाएं। अपने दायित्वों का निर्वाह करते हुये भावी पीढ़ी के सम्मुख अपने आदर्श प्रस्तुत करें। उनके लिए आदर्श समाज का वातावरण तैयार करें। इस तरह का वातावरण तैयार करने में सबसे ज्यादा योगदान राजकीय इंटर कॉलेज सुमाडी में हिंदी अध्यापक के पद पर कार्यरत अखिलेश चंद्र चमोला कर रहे हैं। छात्र-छात्राओं में भारतीय संस्कृति के बीज रोपित हो उसके लिए प्रेरणादायनी साहित्य का भी सृजन कार्य कर रहे हैं। हमारा संकल्प नशा मुक्त खुशहाल उत्तराखंड के लिए भी चमोला अपने स्तर से व्यापक प्रयास कर रहे हैं। इनकी प्रयासों की सार्थकता इस रूप में भी देखने को मिलती है कि पूरे जनपद पौड़ी गढ़वाल में इनके द्वारा रचित मौलिक नशा उन्मूलन प्रतिज्ञा का सप्ताह में एक बार प्रार्थना सभा में शस्वर वाचन किया जाता है। छात्र-छात्राएं नशे से दूर रहें इसके लिए चमोला संकल्प पत्र भी भरवाते हैं। 26 वर्षों से ग्रामीण आंचलिक में अध्यनरत बाल मेधावी छात्र-छात्राओं को तथा शिक्षा साहित्य समाज सेवा पर्यावरण के क्षेत्र में भी बेहतर कार्य करने वालों को भी अपने निजी व्यय से सम्मानित करने का कार्य करते रहे हैं। निरंतर कई वर्षों से अपने अध्यापित विषय का परीक्षा परिणाम भी उत्कृष्ट रूप से दे रहे हैं। चमोला के इस तरह के उत्कृष्टकार्यों का व्यापक प्रभाव संपूर्ण राष्ट्र की क्षितिज पर दिखाई दे रहा है। इसका जीता जागता उदाहरण हम इस रूप में भी देख सकते हैं कि संत डॉ.सुमन भाई मानस भूषण महामंडलेश्वर मौन तीर्थ पीठ उज्जैन द्वारा इनके उत्कृष्ट कार्यो को देखते हुए इन्हें यूथ सनातन संस्कृति का प्रभारी बनाया है। अपने दूरभाष से उन्होंने चमोला द्वारा भावी पीढ़ी के संदर्भ में जो कार्य किया जा रहे हैं उनकी मुक्त कंठ से प्रशंसा करते हुए कहा है कि चमोला के कार्यों की संपूर्ण राष्ट्र को आवश्यकता है। भावी पीढी से ही राष्ट्र का निर्माण होता है। भावी पीढ़ी को संस्कारवान बनाने के संदर्भ मेंइस तरह की सोच रखना अपने आप में उत्कृष्ट मुहिम को उजागर करता है। इस तरह का दायित्व मिलने पर चमोला ने महा मंडलेश्वर डॉ.सुमन मानस भूषण का आभार व्यक्त करते हुए कहा-कि आपने मेरे कार्यों का मूल्यांकन किया है। मुझे राष्ट्र की धरोहर भावी पीढ़ी को संस्कार वान बनाने की जिम्मेदारी दी है। मेरा पूरा प्रयास रहेगा कि मैं निरंतर समर्पित भाव से इस कार्य को करता रहूंगा। बताते चलें किअखिलेश चंद्र चमोला विक्रमशिला हिंदी विद्यापीठ गांधीनगर के विद्वत परिषदके सदस्य भी मनोनीत किए गए है। बेहतर वह उत्कृष्ट कार्य करने पर 500 से अधिक राष्ट्रीय सम्मान उपाधियों से भी विभूषित हो चुके हैं। दर्शनशास्त्र जैसे गूढ़ विषय में सर्वोच्च अंक प्राप्त करने पर केंद्रीय विश्वविद्यालय श्रीनगर गढ़वाल से स्वर्ण पदक से भी विभूषित हो चुके हैं। नगर पालिका परिषद श्रीनगर गढ़वाल द्वारा चमोला के बेहतरीन व उत्कृष्ट कार्यो को देखते हुए उन्हें जिलाधिकारी रजत प्लेट से भी सम्मानित किये जा चुके है ।