नगर पालिका परिषद की मतदाता सूची में फर्जी मतदाताओं की बढ़ोतरी पर हाई कोर्ट ने अपनाया सख्त रुख
नगर पालिका परिषद की मतदाता सूची में फर्जी मतदाताओं की बढ़ोतरी पर हाई कोर्ट ने अपनाया सख्त रुख
सबसे तेज प्रधान टाइम्स
सुनील सोनकर
मसूरी। उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने मसूरी नगर पालिका परिषद के चुनावों में फर्जी मतदाताओं की संख्या में अप्रत्याशित वृद्धि को लेकर दायर याचिका पर सख्त रुख अपनाया है। न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की अध्यक्षता वाली एकल पीठ ने राज्य चुनाव आयोग को इस मामले में चार सप्ताह के भीतर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। याचिका में अनुराग थपलियाल ने दावा किया कि मसूरी के मतदाता सूची में 1,375 फर्जी मतदाता पाए गए, जिनका मसूरी से कोई संबंध नहीं है। 2022 के विधानसभा चुनावों में जहां मसूरी में कुल 18,000 से कम मतदाता थे, वहीं 2024 के लोकसभा चुनावों में यह संख्या बढ़कर 18,500 हो गई। लेकिन अब नगर पालिका चुनावों में यह आंकड़ा 24,500 तक पहुंच गया है, जो अप्रत्याशित और संदिग्ध माना जा रहा है। याचिकाकर्ता के अनुसार, कई मतदाता सूची से हटाए जाने के बावजूद अभी भी 1,000 से अधिक संदिग्ध नाम सूची में मौजूद हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि यह संख्या जानबूझकर बढ़ाई गई है ताकि नगर पालिका चुनाव को प्रभावित किया जा सके। न्यायालय ने राज्य चुनाव आयोग को निर्देश दिया है कि वह याचिका में बताए गए तथ्यों की जांच कर उचित निर्णय ले और फर्जी मतदाताओं को सूची से हटाने की प्रक्रिया शीघ्र पूरी करे।