धर्म कर्म मनुष्य के कल्याण का माध्यम:महंत कृष्णा मुनि
धर्म कर्म मनुष्य के कल्याण का माध्यम:महंत कृष्णा मुनि
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शिव प्रकाश शिव
हरिद्वार । कनखल स्थित हरे राम आश्रम में विशाल अन्न क्षेत्र भंडारे का व संत समागम का आयोजन हुआ जिसमें हजारों संत महापुरुषों की गरिमा मय उपस्थित के बीच कार्यक्रम बड़े ही धूमधाम हर्षोल्लास के साथ संपन्न हुआ इस अवसर पर बोलते हुए आश्रम के परमाध्यक्ष महामंडलेश्वर 1008 परम पूज्य श्री कपिल मुनि जी महाराज ने कहा इस पृथ्वी पर धर्म कर्म ही मनुष्य के कल्याण का माध्यम है जो मनुष्य नर सेवा में ही नारायण सेवा का भाव देखा है उसका सदैव कल्याण होता है संत महापुरुष इस पृथ्वी लोक पर चलते-फिरते तीर्थ के समान है जो भक्तों के लिए सदैव कल्याणकारी एवं मंगलकारी होते हैं गुरु मिलाते हैं ईश्वर से गुरु ही देते ज्ञान भव सागर की नैया के गुरु ही तारणहार गुरु इस पृथ्वी लोक पर सूर्य के सामान प्रकाशमान है जो अपने ज्ञान के माध्यम से भक्तों को कल्याण का मार्ग दिखाते हैं इस अवसर पर बोलते हुए महत श्री कृष्णा मुनि जी महाराज ने कहा गुरुजनों के ज्ञान के बिना ईश्वर तक पहुंच पाना संभव नहीं क्योंकि जो मार्ग ईश्वर तक जाता है वह गुरु के श्री चरणों से होकर ही जाता है इसलिए हमारे कल्याणकर्ता गुरुदेव ही है जो हमें सत्य की राह दिखाते हैं ज्ञान का बोध कराते हैं और भजन कीर्तन पूजा पाठ के माध्यम से भगवान तक पहुंचने का मार्ग दिखाते हैं जब-जब इस पृथ्वी लोक पर भगवान अवतरित हुए हैं तो उन्हें भी गुरु के मार्गदर्शन की जरूरत पड़ी है भगवान मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम जब इस धरती पर अवतरित हुए तो उन्हें भी गुरु के मार्गदर्शन की जरूरत पड़ी उन्होंने गुरु के मार्गदर्शन में दुष्ट प्रवृत्ति के असुर राक्षसों का विनाश कर पृथ्वी पर सत्य का साम्राज्य स्थापित किया ऋषि श्राप के कारण पत्थर की शिला बनी माता अहिल्या को अंगूठे की एक ठोकर से श्राप मुक्त किया माता शबरी के झूठे बेर खाकर उनका उद्धार किया और माता-पिता गुरु की आज्ञा का पालन करने के लिए 14 वर्ष का वनवास भोगना स्वीकार किया विश्व भर में संचालित हो रही सनातन परंपरा भगवान श्री राम द्वारा ही स्थापित की गई जो आज मठ मंदिर आश्रम अखाड़े के माध्यम से गुरु शिष्य परंपरा के रूप में विश्व भर में प्रवाहित हो रही है सनातन परंपरा को अपनाने के लिए आज विदेशी लोग भी आतुर है संत महापुरुष सनातन परंपरा की शंखनाद करने तथा उसे विश्व भर में संचारित करने का एक माध्यम है साथ ही गुरुजन संत महापुरुष धर्म कर्म पूजा पाठ यज्ञ अनुष्ठान भंडारे आदि के माध्यम से भक्तजनों का लोक एवं परलोक दोनों सुधार देते हैं तथा उनका मनुष्य जीवन सार्थक कर देते हैं इस अवसर पर महामंडलेश्वर शिवानंद महाराज संत प्रदीप सिंह बोरी संत उमेश मुनि महाराज महंत दलजीत सिंह कोठारी महंत जसविंदर सिंह कोठारी महंत राघवेंद्र दास महाराज महंत रवि देव महाराज महंत दिनेश दास महाराज महंत सुतीक्ष्ण मुनि महाराज महंत कृष्णा मुनि महाराज महंत बलवंत सिंह महाराज महंत सुतीक्ष्ण मुनि कोतवाल रामेश्वर गिरी कोतवाल रामदास महाराज कोतवाल धर्मदास महाराज कोतवाल रमेशा नन्द महाराज कोतवाल गगन देवगिरी महाराज सहित भारी संख्या में संत महापुरुष उपस्थित थे