वशिष्ठ दूधाधारी सप्तऋषि आश्रम ब्रह्मपुरी मे कार्तिक पूर्णिमा पर संत समागम व भंडारे का आयोजन
शिव प्रकाश शिव
हरिद्वार। 15 नवंबर 2024 को वशिष्ठ दूधाधारी सप्तऋषि आश्रम ब्रह्मपुरी मे कार्तिक पूर्णिमा के शुभ अवसर पर एक संत समागम तथा विशाल भंडारे का आयोजन किया गया इस अवसर पर बोलते हुए महंत रघुवीर दास महाराज ने कहा कार्तिक पूर्णिमा के पावन अवसर पर मां भागीरथी गंगा में स्नान करने मात्र से मनुष्य के जन्मो जन्म के पाप तथा कष्ट नष्ट हो जाते हैं साथ ही इस पतित पावनी मां गंगा की नगरी में संत महापुरुषों के श्री मुख से बहने वाली ज्ञान की गंगा में गोते लगाने से मनुष्य जीवन धन्य तथा सार्थक हो जाता है इस अवसर पर बोलते हुए वशिष्ठ दूधाधारी सप्तऋषि आश्रम के महंत जयराम दास महाराज ने कहा धर्म कर्म और गुरुजनों की संगत मानव जीवन की सार्थकता का प्रथम पहलू है जिस प्रकार माता-पिता बच्चों को जन्म देने और पालने के साथी होते हैं उसी प्रकार उसके जीवन में ज्ञान रूपी प्रकाश का उदय करने वाले उसके अंदर उच्च संस्कार भरने वाले उसकी बुद्धि का नव सृजन करने वाले आध्यात्मिक गुरु का भी मनुष्य जीवन में महत्वपूर्ण स्थान है क्योंकि गुरु बिना ज्ञान नहीं गुरु बिना कल्याण नहीं और गुरु बिना गति नहीं इसलिए हे भक्तजनों गुरु के बताए मार्ग पर चलो उसी में आपका कल्याण छुपा है सतगुरु से बड़ा हमारा कोई और सच्चा हितैसी नहीं होता गुरु मिलाते हैं ईश्वर से गुरु ही देते ज्ञान भवसागर की नैया के गुरु ही तारणहार गुरु का ज्ञान आदि से अनादि तक आपके साथ चलता है आपके विचारों में चलता है आपकी बुद्धि में चलता है आपके संस्कारों में चलते जन्मो जन्म आपके जीवन नई सार्थकता प्रदान करता है जब जब इस धरती पर भगवान अवतरित हुए हैं उन्हें भी गुरु के मार्गदर्शन की आवश्यकता पड़ी है गुरुजनों की संगत बड़ी ही फलदाई होती है इस अवसर पर महामंडलेश्वर लक्ष्मण दास जी महाराज मंहत नारायण दास पटवारी,महंत रघुवीर दास महाराज, महंत सूरदास महाराज महंत रविंद्र दास महाराज, विमल दास महाराज महंत जगदीश दास महाराज महंत सूरज दास महाराज, महंत बिहारी शरण महाराज स्वामी अंकित शरण महाराज गौरव पुजारी पुजारी पंडित ललित शर्मा गौरव शर्मा ललित पुजारी अमित शर्मा कोतवाल रामदास आदि संत महापुरुष तथा भक्तगण उपस्थित थे।